कमजोर नवजात की पहचान को घरों में दस्तक देंगी सेविका व आशा

कमजोर नवजात की पहचान एवं समय पर उनके उपचार के लिए आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा अपने-अपने क्षेत्र में हर घर के दरवाजे पर दस्तक देंगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 02:05 AM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 06:12 AM (IST)
कमजोर नवजात की पहचान को घरों में दस्तक देंगी सेविका व आशा
कमजोर नवजात की पहचान को घरों में दस्तक देंगी सेविका व आशा

मुजफ्फरपुर। कमजोर नवजात की पहचान एवं समय पर उनके उपचार के लिए आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा अपने-अपने क्षेत्र में हर घर के दरवाजे पर दस्तक देंगी।

ऊपरी आहार की शुरुआत समय से सुनिश्चित कराने के लिए पाच से आठ माह के शिशुओं के घर पर भेंट करेंगी। इस दौरान वे जाच करेंगी कि स्तनपान के अलावा शिशु को क्या खिलाया जा रहा है। वह एक दिन में कितना खा रहा है। उसे खिलाते समय वहा मौजूद रहेंगी और उचित सलाह भी देंगी। जब तक शिशु का ऊपरी आहार सुनिश्चित नहीं हो जाता वे हर हफ्ते भेंट करेंगी। इसकी घोषणा जिला प्रोग्राम कार्यालय मंझौलिया में प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान की गई। जिला कार्यक्त्रम पदाधिकारी, आइसीडीएस की अध्यक्षता में जिला संसाधन समूह का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्त्रम का शुक्रवार को समापन हुआ। अंतिम दिन जिले के सभी 17 प्रखंडों की सीडीपीओ को प्रशिक्षण दिया गया। उनकों अतिकमजोर शिशुओं की देखभाल व छह महीने से दो साल के बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जानकारी दी गई। जिला कार्यक्त्रम पदाधिकारी ललिता कुमारी ने कहा कि अगर जन्म के समय नवजात का वजन 1500 ग्राम से कम हो या वह मा के दूध को ठीक से नहीं ले पा रहा हो तो उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट भेजा जाएगा। वहीं केयर इंडिया के डीटीओ (ऑन) संजीव कुमार ने कहा कि छह माह के ऊपर के बच्चों के लिए मा का दूध पर्याप्त नहीं होता। उन्हें संपूर्ण पोषण के लिए ऊपरी आहार की जरूरत होती है। इसके साथ ही स्तनपान भी आवश्यक है। शिशुओं को पतली दाल, चावल व खिचड़ी देना शुरू करें। ये बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है।

चाय, बिस्किट से रखें दूर

जिला कार्यक्त्रम पदाधिकारी ने बताया कि हम बच्चों को शुरू से ही चाय, बिस्किट, दाल का पानी, चावल का पानी देने लगते हैं। ये गलत है। शरीर के सभी पोषक तत्वों की कमी को ये पूरा नहीं कर पाते। वहीं शिशु को खाना देने से पहले हाथ को अवश्य धोना चाहिए। सभी सीडीपीओ अपने कार्यक्षेत्र में जाकर सेविका और आशा को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगी। मौके पर मंजू कुमारी, जिला समन्वयक सुषमा सुमन, स्वस्थ भारत प्रेरक अमरचंद ज्योति, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मौजूद थे।

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