मधुबनी में अनूठी पहल, सात फेरों से पहले सात पौधों के फेरे, बरातियों को मिलता अनोखा उपहार, जानिए पूरा मामला
मधुबनी के शंकर चौक में विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन लगाते सात पौधे। तीन साल से इस परंपरा का हो रहा निर्वहन। 100 से अधिक पौधे लगा चुके हैं लोग। शादी के बंधन में बंधनेेवाले नवविवाहित जोड़े कर रहे अनूठी पहल।
मधुबनी, {कपिलेश्वर साह}। सात फेरों से पहले सात पौधों के फेरे। हर फेरे के साथ पेड़-पौधों को बचाने, हरियाली लाने और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प। मधुबनी शहर के शंकर चौक इलाके में बीते तीन साल से इस परंपरा का निर्वहन हो रहा है। शादी के दिन दूल्हा व दुल्हन द्वारा सात पौधे लगाए जाते हैं। उनके चारों ओर परिक्रमा करते हैं। दूल्हा बरात निकलने से पूर्व यह रस्म निभाता है, जबकि दुल्हन बरात पहुंचने से पहले। वे गणेश मंत्रोच्चार के साथ पंडित और पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में पौधारोपण करते हैं।
आनेवाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण बचाने की सीख
शंकर चौक निवासी उषा चौधरी, विजया चौधरी व विनोद जायसवाल का कहना है कि यह कोई धार्मिक या पारंपरिक रीति-रिवाज नहीं है, बस पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों का सम्मान है। हमारे समाज में विवाह एक अहम संस्कार है। इस अवसर पर स्मृति के लिए सात पौधे लगाए जाते हैं। आनेवाली पीढ़ी इसके माध्यम से पौधारोपण कर हरियाली बचा सके, यही उद्देश्य है। हाल ही में उमेशचंद्र चौधरी के पुत्र ईं. अमित कुमार की शादी में आम, जामुन, कटहल, तुलसी, अमरूद व औषधीय पौधे लगाए गए हैं। पिछले तीन वर्षों में 100 से अधिक फलदार व औषधीय पौधे लगाए जा चुके हैं।
अतिथियों को उपहार स्वरूप देते पौधे
यहां के लोग शादी, जन्मदिवस और मुंडन जैसे अन्य मांगलिक आयोजनों में उपस्थित होनेवाले अतिथियों को उपहार में अन्य वस्तुओं के साथ फलदार पौधा भी भेंट करते हैं। उनके परिवार के लिए अच्छे फल की कामना भी करते हैं। विभिन्न मौकों पर तीन वर्षों में दो हजार से अधिक पौधे उपहार स्वरूप दिए जा चुके हैं।
इसी समाज से जुड़ीं पूनम चौधरी का कहना है कि पुत्र या पुत्री के विवाह की तिथि तय होने के बाद विभिन्न प्रकार की तैयारियों के साथ पौधों का आर्डर दिया जाता है। नर्सरी संचालक को पौधों की संख्या और प्रकार बता दिए जाते हैं। वे लोग आयोजन की सुबह निर्धारित जगह पर पौधे पहुंचा देते हैं। पौधे छोटे आकार के होते हैं, जिससे कि ले जाने वाले को कोई दिक्कत न हो। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक राकेश कुमार ने कहा कि विवाह सहित अन्य मौकों पर पौधारोपण और पौधा वितरण की पहल सराहनीय है। सभी को इनसे सीख लेने की जरूरत है।