राजयोगिनी बीके मीणा ने कहा, दुर्गा की अष्टभुजा ही अष्टशक्ति

कहा अगर भारत के आदि सनातन देवी-देवता धर्म मूल स्वरूप में रहा होता तो देश स्वर्ग रहता और सामाजिक मूल्यों का ह्रास नहीं हुआ होता। आज के दिन एक तरफ नारी ऊंचाई को छू रही है दूसरी और उनका दमन और शोषण हो रहा है। इससे बच जाते।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 01:32 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 01:32 PM (IST)
राजयोगिनी बीके मीणा ने कहा, दुर्गा की अष्टभुजा ही अष्टशक्ति
मोतिहारी में ब्रह्मकुमारियों ने मनाया नवरात्रि महोत्सव। फोटो- जागरण

मोतिहारी, जासं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हेनरी बाजार सेवा केंद्र द्वारा आयोजित नवरात्रि महोत्सव को संबोधित करते हुए जिले की वरिष्ठ राजयोगिनी बीके मीणा बहन ने कहा कि दुर्गा शक्ति की प्रतीक मानी जाती है इसलिए उनकी सवारी शेर दिखाते है। दुर्गा को लक्ष्मी सरस्वती और अन्य रुपो मे दिखाया जाता है। दुर्गा की अष्टभुजा ही है अष्ट शक्ति। भारत में नारी पूजी जाती है और दुर्गा पूजा के अवसर पर कन्याओं की पूजा का प्रचलन आज भी है। नेपाल में कन्या पूजनोत्सव के रूप में मनाया जाता है। लक्ष्मी धन और सरस्वती विद्या की जननी है । अगर भारत के आदि सनातन देवी-देवता धर्म मूल स्वरूप में रहा होता तो देश स्वर्ग रहता और सामाजिक मूल्यों का ह्रास नही हुआ होता। आज के दिन एक तरफ नारी ऊंचाई को छू रही है दूसरी और आज भी नारी का दमन और शोषण हो रहा है जो व्यवस्था की कुरीतियों को दर्शाता है। बीके मीना बहन ने यह भी कहा कि दुर्गा पूजा मे रावण को जलाया जाता है। उन्होने कहा कि अगर परमात्मा से हम सभी संबंध जोड़ ले तो विकारों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। जिसने भी ज्ञान धर्म को धारण किया उसका जीवन सुखमय हो गया। 

इस अवसर पर बीके अशोक वर्मा ने कहा कि देवियों को अष्टभुजा दिखाया जाता है, जिसमें मुख्य रुप से सहनशक्ति, समाने की शक्ति ,परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति ,सामना करने की शक्ति ,सहयोग की शक्ति, विस्तार को छोटा करने की शक्ति, और समेटने की शक्ति है ।सभी शक्तियो का अपना महत्व है और नवरात्र के अवसर पर साधक और भक्त शक्तियो का संचय करते हैं। सेवा केंद्र प्रभारी बी के बिभा बहन ने सभी का स्वागत किया और शक्ति प्रतीक मम्मा के बारे में विशेष रूप से प्रकाश डाला। बीके सुनीता ने भोजपुरी में शिव शक्ति पर बहुत ही सुन्दर गीत प्रस्तुत किया। बीके अनिता, बीके पूनम तथा अन्य कई लोगो ने भी उक्त अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में छात्रा सानवी वर्मा एवं छवि ने आकर्षक नृत्य पेश किया। दुर्गा की चैतन्य झांकी मे सजी मुस्कान के चेहरे से अलौकिकता झलक रही थी। कार्यक्रम में उपस्थित सभी समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनो को सम्मान मे चुनरी ओढा कर उनकी आरती उतारी गई। 

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