गांधी ने हिदी को भारतीय स्वतंत्रता की वाणी की संज्ञा दी : डा.प्रमोद

एलएस कालेज में हिंदी पखवाड़ा के तहत बुधवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व भारतीय भाषा मंच के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:24 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:24 AM (IST)
गांधी ने हिदी को भारतीय स्वतंत्रता की वाणी की संज्ञा दी : डा.प्रमोद
गांधी ने हिदी को भारतीय स्वतंत्रता की वाणी की संज्ञा दी : डा.प्रमोद

मुजफ्फरपुर : एलएस कालेज में हिंदी पखवाड़ा के तहत बुधवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व भारतीय भाषा मंच के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वाधीनता आदोलन और हिंदी विषय पर आयोजित संगोष्ठी की दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ हुआ। मुख्य वक्ता वरीय प्राध्यापक सह विवि के अध्यक्ष छात्र कल्याण डा.प्रमोद कुमार ने कहा कि गाधी ने हिंदी को भारतीय स्वतंत्रता की वाणी की संज्ञा दी। राजभाषा के रूप में हिंदी को जो मान्यता दी गई उसमें स्वतंत्रता संग्राम के हमारे सेनानियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विचार सर्वप्रथम बंगाल में उदित हुआ। भाषा के बारे में तिलक का विचार था कि हिंदी ही एक मात्र भाषा है जो राष्ट्र भाषा हो सकती है। हिंदी का समर्थन करते हुए नागरी प्रचारिणी पत्रिका में उन्होंने लिखा था सबके लिए समान भाषा से बढ़कर सशक्त अन्य कोई बल नहीं। भाषा हमें एकता सूत्र में बाधती है। अध्यक्षता प्राचार्य डा.ओपी राय ने की। उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत का सपना पूरा करने में हिंदी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। राष्ट्र की उन्नति के लिए हिंदी का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। विशिष्ट वक्ता डा.राजीव कुमार झा ने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है और इससे हमें आम जीवन एवं कार्यालय के कार्यो में प्रयोग करने में संकोच नहीं बल्कि गर्व करना चाहिए। इस अवसर पर एनसीसी 32 बिहार बटालियन के कैडेट्स ने भारतीय सेना की बहादुरी पर नुक्कड़ नाटक पेश किया। मौके पर डा.गजेंद्र प्रसाद, डा.शिव दीपक शर्मा, डा.गोपाल, डा.आलोक कुमार, डा.त्रिपदा भारती, डा.अर्धेंदु, डा.विजय कुमार, डा.ललित किशोर मौजूद रहे। विषय प्रवेश डा.जयकात जय ने किया। मंच संचालन प्रो.राजेश्वर पराशर व धन्यवाद ज्ञापन डा.राजीव कुमार ने किया।

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