टाइगर ट्रैकरों व पेट्रोलिंग कर्मियों की हड़ताल से ढीली पड़ी पश्चिम चंपारण के वीटीआर की सुरक्षा
वन विभाग संविदा कर्मी संघ के अध्यक्ष शंभूनाथ तिवारी का कहना है कि विभाग द्वारा कर्मियों को अकारण हटाया जा रहा है। उनपर आरोप लगता है कि वे जंगल की सुरक्षा या ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं होते हैं। उनका कहना है कि जो लापरवाह पाए जाते हैं उनकी जांच हो।
बगहा (पश्चिम चंपारण), संस : दैनिक वेतनभोगी टाइगर ट्रैकरों और पेट्रोलिंग कॢमयों की एक पखवारे से जारी हड़ताल से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में सुरक्षा व्यवस्था ढीली पड़ गई है। जंगल में अवांछित लोगों की आवाजाही बढ़ गई है। पिछले एक सप्ताह में करीब 15 लोग लकड़ी की अवैध कटाई और ढुलाई में पकड़े गए हैं। टाइगर ट्रैकरों के काम पर नहीं होने से बाघों के भटकाव की भी आशंका है। कर्मियों की मांग है कि इन्हेंं बिना नोटिस या वाजिब कारण हटाया न जाए। स्थायी कर्मी का दर्जा दिया जाए। दैनिक की जगह सम्मानजनक मासिक वेतन भी दिया जाए।
जंगल की सुरक्षा न करने का हवाला देकर हटाने पर नाराजगी
वन विभाग संविदा कर्मी संघ के अध्यक्ष शंभूनाथ तिवारी का कहना है कि विभाग द्वारा कर्मियों को अकारण हटाया जा रहा है। उनपर आरोप लगता है कि वे जंगल की सुरक्षा या ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं होते हैं। उनका कहना है कि जो कर्मी लापरवाह पाए जाते हैं, उनकी जांच हो। संलिप्तता मिलने पर कार्रवाई की जाए। अकारण किसी को हटाया जाना न्यायसंगत नहीं है। वन प्रमंडल दो में करीब 300 कर्मी हड़ताल पर हैं। मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन को और तेज करेंगे।
वर्ष 2013 में हुई थी बहाली
वीटीआर के सभी प्रमंडलों में वन कॢमयों की कमी को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय युवकों को टाइगर ट्रैकर व पेट्रोलिंग कर्मी के रूप में बहाल किया था। स्थानीय युवकों की मुस्तैदी का असर भी हुआ। अवांछित गतिविधियों पर नजर रखी गई, जबकि बाघों का भटकाव भी कम हुआ। इधर दो-तीन वर्षों में सरकारकी ओर वनरक्षियों की बहाली कर सभी वन क्षेत्रों में तैनाती की गई है। वन संरक्षक एचके राय ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कॢमयों की हड़ताल से विभाग को कोई क्षति नहीं है। वन रक्षियों के साथ जंगल में गश्ती जारी है। कॢमयों से मिलकर उनकी हड़ताल खत्म करने की कोशिश की जाएगी।