Bihar Assembly Election 2020: मुजफ्फरपुर में में धारा 144 लागू, राजनीतिक जुलूस, धरना-प्रदर्शन को लेनी होगी अनुमति
Bihar Assembly Election 2020 मुजफ्फरपुर में धारा 144 भी लागू कर दिया गया है। ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात 10 से सुबह 6 बजे तक रहेगा वर्जित। एसडीओ सभी बीडीओ व सीओ को अनुपालन कराने का निर्देश।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गया है। साथ ही पूरे जिले में धारा 144 भी लागू कर दिया गया है। जिला दंडाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। दोनों एसडीओ, सभी बीडीओ व सीओ को कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
कहा कि चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक अथवा अधिकतम 60 दिनों तक जो पहले हो। इसके तहत दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण जिले के अंतर्गत आदेश जारी किए गए हंै। बताया गया कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी प्रचार कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया है। इस अवधि में विभिन्न राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए जनसभा व जुलूस का आयोजन किया जाएगा। इसमें राजनीतिक प्रतिद्वंदिता एवं प्रतिस्पर्धा के कारण शस्त्र एवं शक्ति प्रदर्शन कर मतदाताओं को प्रभावित किए जाने तथा विधि व्यवस्था भंग किए जाने की संभावना रहती है। इसको लेकर धारा 144 का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा।
जारी किए गए आदेश
* किसी भी व्यक्ति, राजनीतिक दल, संगठन के द्वारा राजनीतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की पूर्वानुमति के आयोजित नहीं किए जाएंगे।
* ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात 10 से सुबह 6 बजे तक वर्जित रहेगा।
* कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रचार तथा अन्य चुनाव संबंधित गतिविधियों के लिए जारी गाडइ लाइन का सभी व्यक्ति, राजनीतिक दल एवं संगठनों द्वारा अनुपालन किया जाएगा।
* कोई भी व्यक्ति व राजनीतिक दल तथा संगठन किसी भी प्रकार के पोस्टर, प्रचार आलेख, फोटो आदि अथवा व्यक्ति विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करेंगे। जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो।
* सोशल मीडिया पोर्टल पर भी भ्रामक एवं असत्य सूचना का प्रकाशन नहीं किया जाएगा।
* कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे तथा सांप्रदायिक भावना को भड़काने का कार्य नहीं करेंगे।
* कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल, संगठन, मतदाताओं को डराने, धमकाने एवं किसी भी प्रलोभन में लाने का कार्य नहीं करेंगे।
* प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्रियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जाएगा।
* कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गंड़ासा एवं मानव शरीर के लिए घातक कोई भी हथियार का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से नहीं करेंगे।
* यह आदेश परंपरागत ढंग से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, विधि व्यवस्था एवं निर्वाचन कर्तव्य पर लगे दंडाधिकारी व निर्वाचन कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा।