तीन वर्षो से नहीं मिली कापी, दूसरे वर्ष भी नामांकन से हुए वंचित

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लचर सिस्टम की एक और बानगी परिसर में सोमवार को देखने को मिली।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:05 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:05 AM (IST)
तीन वर्षो से नहीं मिली कापी, दूसरे वर्ष भी नामांकन से हुए वंचित
तीन वर्षो से नहीं मिली कापी, दूसरे वर्ष भी नामांकन से हुए वंचित

- मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लचर सिस्टम की एक और बानगी परिसर में सोमवार को देखने को मिली। जंदाहा निवासी समता कालेज के स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र राणा प्रताप सिंह तीन वर्षो से आरटीआइ से कापी निकालने के लिए विवि का चक्कर काट रहे हैं पर कोई उनकी सुनने वाला नहीं। राणा ने बताया कि सत्र 2015-18 के छात्र हैं। 2019 में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा का परिणाम आया। इसमें उन्हें पेपर-चार में शून्य अंक दिया गया। दावा किया कि कम से कम 60-65 अंक आने चाहिए थे। विवि से इसके लिए कापी की मांग की। इसके लिए बकायदा चालान भी कटवाया, लेकिन इसके बाद भी आजतक कापी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसी बीच दो परीक्षा नियंत्रक भी बदले पर किसी ने समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। सोमवार को जब राणा आरटीआइ कार्यालय पहुंचे तो वहां पदाधिकारी से मुलाकात नहीं हो सकी। राणा जैसे सैंकड़ों छात्र चालान कटवाने के बाद विवि का चक्कर काट रहे हैं।

आरटीआइ का भी नहीं मिल रहा जवाब :

विवि की ओर से सूचना का अधिकार के तहत मांगी जा रही सूचनाएं नहीं दी जा रही हैं। दर्जनों अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत की है। अघोरिया बाजार के अमित कुमार ने कहा कि दो महीने पूर्व उन्होंने सूचना मांगी थी पर अबतक विवि की ओर से सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। छाता चौक के अमन और सकरा के गौतम कुमार ने भी विवि पर सूचना नहीं देने का आरोप लगाया।

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बयान ::

आरटीआइ से जो सूचना मांगी जाती है उसे संबंधित विभाग को भेजा जाता है। यदि आवेदक को तय समय में सूचना विभाग से नहीं मिलती है तो वे अपीलीय प्राधिकार में अपील कर सकते हैं। आवेदन करने पर छात्र-छात्राओं को कापी उपलब्ध करा दी जाती है। यदि छात्र को कापी नहीं मिली तो वे कार्यालय में आएं, स्टोर से इसके लिए बात की जाएगी।

- डा.एहसान रशीद, आरटीआइ पदाधिकारी, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय

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