मुजफ्फरपुर जदयू की बैठक में पद को लेकर हाथापाई, पर्यवेक्षक रहे परेशान

विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करनेवालेे को संगठन में जगह दिए जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद। धक्का-मुक्की व हाथापाई की आई नौबत। 93 पदाधिकारी व 11 कार्यकारिणी की 104 की सदस्य वाली कमेटी को 51 पर लाने का सुझाव दिया गया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 07:44 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:44 AM (IST)
मुजफ्फरपुर जदयू की बैठक में पद को लेकर हाथापाई, पर्यवेक्षक रहे परेशान
जिलाध्यक्ष के पक्ष में नारेबाजी के बाद होने लगा हंगामा। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जदयू संगठन की संशोधित सूची जारी करने को लेकर आयोजित बैठक में जमकर हंगामा हुआ। जिला संगठन प्रभारी पूर्व मंत्री रंजू गीता के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। उसके बाद जिलाध्यक्ष मनोज किसान को 104 वाली सूची को संशोधित करते हुए 51 सदस्य वाली टीम बनाकर देने का निर्देश दिया। 

इस तरह से चला मामला

शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव कुमार उर्फ ललन सिंह के निर्देश पर समन्वय को लेकर बैठक हुई। समन्वय की भूमिका पूर्व जिलाध्यक्ष व दरभंगा के संगठन प्रभारी रंजीत सहनी ने निभा रहे थे। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समता पार्टी काल के पुराने नेता व पार्टी प्रत्याशी को दायित्व दिया था कि वह बैठक संगठन को एकजुट करें। इस बीच दोनों पक्ष उलझ गए। जमकर धक्कामुक्की व हाथापाई तक हुई। जिलाध्यक्ष मनोज कुमार पर विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी काम करने वाले को पदाधिकारी बनाने पर आपत्ति की गई। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष के नेता आरोप प्रत्यारोप करते करते धक्का मुक्की करने लगे। काफी देर तक हंगामा चलता रहा।

51 सदस्य वाली टीम पर मंथन

संगठन प्रभारी रंजू गीता एवं लोकसभा प्रभारी सत्यप्रकाश यादव ने दोनों पक्षों को शांत कराते हुए मेल मिलाप कराया। रंजू गीता का कहना था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का मानना है कि सभी को साथ लेकर पार्टी को मजबूत करना है। सुबह का भुला शाम में घर लौट जाए तो उन्हेंं अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष की सहमति से सूची बनी है। इसे पार्टी अध्यक्ष को दी जाएगी। 51 सदस्य वाली टीम पर मंथन किया गया है। जो सूची सामने आई उसमें 93 पदाधिकारी व 11 कार्यकारणी 104 की सदस्य वाली कमेटी को 51 सदस्य पर लाने का सुझाव दिया गया। रंजीत सहनी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर संगठन को संशोधित करने का जिम्मा मिला। दोनों पक्ष को बैठाकर तालमेल कराया गया। इसकी जानकारी मुख्यालय को गई है। आगे सबलोग मिलकर संगठन को मजबूत करेंगे तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम को जनजन तक पहुंचाने में अपनी ताकत लगायेंगे।

इनकी रही भागीदारी

उतर बिहार अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष जमाल, रंजीत सहनी, अशोक सिंह, प्रो.शब्बीर अहमद, नरेन्द्र पटेल, रमाशंकर सिंह, शैलेश कुमार शैलू, रामबाबू कुशवाहां, अम्बरीश सिन्हा, अरूण कुशवाहां, सौरभ साहेब, अमर नाथ चंद्रवंशी, अखिलेश सिंह, अशोक झा, अजय चौधरी आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

chat bot
आपका साथी