Makhana Research Center: बहुरेंगे दरभंगा मखाना अनुसंधान केंद्र के दिन, वैज्ञानिकों की होगी नियुक्ति

Darbhanga News मखाना अनुसंधान केंद्र की वर्तमान स्थिति का अध्ययन व विकास के लिए सुझाव देने के लिए कमेटी गठित। सूबे के पूर्व मंत्री सह विधायक नीतीश मिश्र द्वारा भेजे गए पत्र का केंद्रीय कृषि मंत्री ने उत्तर भेजा विकास के लिए होनेवाले कार्यों की दी जानकारी।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 01:31 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 01:31 PM (IST)
Makhana Research Center: बहुरेंगे दरभंगा मखाना अनुसंधान केंद्र के दिन, वैज्ञानिकों की होगी नियुक्ति
दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र की फाइल फोटो।

दरभंगा, जागरण संवाददाता। दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र के दिन बहुरनेवाले हैं। यहां होने वाले शोध कार्यों के लिए वैज्ञानिकों की नियुक्त की प्रक्रिया शीघ्र की पूरी जाएगी। इसके विकास को लेकर एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी केंद्र का निरीक्षण कर शोध कार्य समेत अन्य गतिविधियों का अध्ययन करेगी। फिर समीक्षा के बाद इसके विकास के लिए अपने सुझाव देगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। मशीनों के माध्यम से मखाना के गुणवत्ता समेत अन्य पहलुओं पर शोध समेत इसके संरक्षण की दिशा में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे।

सूबे के पूर्व मंत्री सह विधायक नीतीश मिश्रा द्वारा अनुसंधान केंद्र की दशा में सुधार के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भेजा गया था। पत्र के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने दरभंगा मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का दर्जा देकर इसे विकसित करने की मांग की है। इस ओर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है। बताया है कि मखाना का उत्पादन बहुत सीमित क्षेत्रफल में किया जाता है। ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना व्यावहारिक विकल्प नहीं हो सकता है। लेकिन परिषद द्वारा मखाना केंद्र के विकास के लिए एक समिति गठित कर दी गई है। जो वस्तुस्थिति का अवलोकन कर सुझाव देगी।

साथ ही मखाना की खेती में मशीनीकरण पर जोर देने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिषद की एसएफसी में प्रावधान किया गया है। परिषद द्वारा मखाना अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिकों की नियुक्ति को लेकर पहल की जा रही है। बता दें कि पूरे देश में 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मखाना की खेती हो रही है। इस क्षेत्रफल का 85 फीसद क्षेत्र यानि 13 हेक्टेयर उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल एवं किशनगंज में स्थित है।

2002 में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के रूप में हुई थी स्थापना, बाद सीमित हो गया था दायरा

दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना 28 फरवरी 2002 को हुई। बाद इसे सामान्य में कर दिया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने इसका दायरा सीमित करते हुए 2005 में शहर से सटे वायुसेना स्टेशन के निकट स्थित इस केंद्र को कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन कर दिया। इसी के साथ यहां से निदेशक का पद भी समाप्त हो गया ।

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