ऊंचे गगन में खूब खिलेगी नमो-शाह की जोड़ी नंबर वन

मुजफ्फरपुर मकर संक्रांति पर ऊंचे गगन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी नंबर वनड़ूब खिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jan 2020 01:52 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2020 06:08 AM (IST)
ऊंचे गगन में खूब खिलेगी नमो-शाह की जोड़ी नंबर वन
ऊंचे गगन में खूब खिलेगी नमो-शाह की जोड़ी नंबर वन

मुजफ्फरपुर : मकर संक्रांति पर ऊंचे गगन में 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह' की जोड़ी नंबर वन खूब खिलेगी। 'वर्ष 2020' संग 'मोदी-शाह की जोड़ी नंबर वन' की खिली डोर देख लोग रोमांचित होंगे। इस पर्व में पतंगबाजी की परंपरा को देखते हुए बाजार में तरह-तरह के पतंग उतारे गए हैं। जिनमें 'मोदी-शाह की जोड़ी नंबर वन', 'वर्ष 2020', 'स्पाइडर मैन', 'मोटू-पतलू' आदि ब्रांडेड पतंगों की खूब डिमांड है। बच्चों संग युवा भी मोदी-शाह ब्रांडेड पतंगों की खरीदारी कर रहे हैं। वैसे अन्य ब्रांडेड पतंगों के भी काफी खरीदार दिखे। कल्याणी चौक स्थित पतंग विक्रेता राजू ने बताया कि दो रुपये से लेकर 50 रुपये तक के पतंग बाजार में उपलब्ध हैं। वैसे तो यहां पतंग की स्थायी दुकान हैं, मगर इधर कुछ दिनों से खरीदारों की संख्या बढ़ी है। लोग सर्वाधिक मोदी ब्रांडेड पतंग पसंद कर रहे हैं। प्राचीन काल से चली आ रही पतंग उड़ाने की परंपरा

मकर संक्रांति में पतंग उड़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। ज्योतिषविद् विमल कुमार लाभ बताते हैं कि तमिल रामायण में उद्धृत एक प्रसंग में इसका उल्लेख आया है। बताया गया है कि भगवान श्रीराम ने अपने भाइयों और हनुमानजी के संग पतंग उड़ाई थी। पतंग इस बात का संकेत देती है कि यदि पिता-पुत्र के संबंध असहज हो रहे हैं तो आगे बढ़कर उसे सहजता की ओर ले जाना चाहिए। बालकांड में उद्धृत हैं कि 'राम इक दिन चंग उड़ाई। इंद्रलोक में पहुंची जाई॥'

इसके मुताबिक, भगवान श्रीराम अपने भाइयों और मित्र मंडली संग पतंग उड़ा रहे थे। इस बीच डोर ढीली होते ही वह कटकर देवलोक जा पहुंची। उस पतंग पर इंद्र के पुत्र जयंत की पत्‍‌नी की दृष्टि गई। उन्हें उस पतंग ने बड़ा आकर्षित किया। वह उसे कौतूहल से देखने लगीं। इसी बीच उन्हें ध्यान आया कि आखिर किसकी पतंग इतनी शक्तिशाली है, जो देवलोक तक आ पहुंची है। इधर, बालक श्रीराम ने बाल हनुमान को कहा कि वे तो उड़ने की शक्ति रखते हैं। वे जरा इसका पता लगाएं कि आखिर उनकी पतंग कहा रह गई। तब पवनपुत्र हनुमान पतंग को खोजते हुए आकाश मार्ग से इंद्रलोक पहुंच गए। वहा उन्होंने देखा कि एक स्त्री पतंग को पकड़े हुए है। उन्होंने उससे पतंग की माग की। तब स्त्री ने पूछा कि वह पतंग किसकी है? तो हनुमानजी ने श्रीरामचंद्रजी का नाम बताया। इस पर उसने उनके दर्शन की अभिलाषा प्रकट की। कहा कि वे उसका संदेश भगवान राम तक पहुंचा दें। यदि श्रीराम दर्शन देंगे तो पतंग को वह मुक्त करेगी। हनुमानजी यह सुनकर लौट आए और सारा वृत्तात श्रीराम को कह सुनाया। श्रीराम ने हनुमान को यह कहकर वापस भेजा कि वे उन्हें चित्रकूट में अवश्य दर्शन देंगे। हनुमान जी ने जयंत की पत्नी को यह उत्तर कह सुनाया, तब उसने पतंग छोड़ दी।

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