Muzaffarpur News: ऑटो टीपर खरीद घोटाला में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता व दो सहायक इंजीनियर के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति

अभियोजन की स्वीकृति मिलने वालों में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा व महेंद्र सिंह शामिल। पूर्व में महापौर सुरेश कुमार व दो अन्य के विरुद्ध मिल चुकी अभियोजन की स्वीकृति। तीनों के खिलाफ विशेष कोर्ट में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो दाखिल कर चुका आरोप पत्र।

By Murari KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 03:46 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 03:46 PM (IST)
Muzaffarpur News: ऑटो टीपर खरीद घोटाला में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता व दो सहायक इंजीनियर के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति
मुजफ्फरपुर नगर निगम कार्यालय की तस्वीर (जागरण आर्काइव)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के ऑटो टीपर खरीद घोटाला के तीन आरोपितों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की विभागीय स्वीकृति निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को मिली है। आरोपितों में नगर निगम के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा व महेंद्र सिंह शामिल हैं। इससे इन तीनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया। तीनों का मूल विभाग जल संसाधन है। इससे पहले महापौर सुरेश कुमार, अभियंता भरतलाल चौधरी व प्रमोद कुमार के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आवेदन पर उनके मूल विभाग से अभियोजन चलाने की स्वीकृति ब्यूरो को मिली थी।

 इन तीनों के खिलाफ ब्यूरो ने विशेष न्यायालय निगरानी में जून में आरोप पत्र दाखिल किया था। विशेष कोर्ट मेें संज्ञान व आरोप तय की बिंदू पर आरोप पत्र विचाराधीन है। तीन आरोपितों तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन व प्रभारी नगर आयुक्त डॉ.रंगनाथ चौधरी व सहायक अभियंता मो.कयामुद्दीन के खिलाफ अभियोजन चलाने की उनके संबंधित मूल विभाग से अबतक स्वीकृति नहीं मिली है। दसवेें आरोपित ऑटो टीपर आपूर्तिकर्ता मोहन एच सिंघला के विरुद्ध अभियोजन चलाने की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। 

यह है मामला

वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने 50 ऑटो टीपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के आलोक में नगर निगम की ओर से निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा में भाग लेने वाले तिरहुत ऑटोमोबाइल, माड़ीपुर के प्रतिनिधि संजय कुमार गोयनका ने इसमें धांधली की शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से की थी।इस शिकायत की जांच ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक सुबोध कुमार विश्वास ने की। उनकी जांच में धांधली संबंधित शिकायत की पुष्टि हुई है।

 इसी आधार पर निगरानी थाना पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें महापौर सुरेश कुमार, पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, पूर्व प्रभारी नगर आयुक्त रंगनाथ चौधरी और पूर्व कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, डूडा के कार्यपालक अभियंता महेंद्र सिंह, सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा, मो. कयामुद्दीन अंसारी, जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह, भरत लाल चौधरी व आपूर्तिकर्ता को आरोपित बनाया गया था। 

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