समस्तीपुर: इश्क के एयरपोर्ट पर वर्षों तक चक्कर काटने के बाद आखिरकार लैंड किया शादी का विमान
समस्तीपुर के विद्यापतिधाम मंदिर परिसर में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में परिणय के अटूट बंधन में बंध गए प्रेमी युगल। इस अंतरजातीय विवाह की खबर दिनभर चर्चा का विषय बनी रही। शादी से पहले दोनों भाग गए थे नई दिल्ली।
समस्तीपुर, जासं। राह-ए-मोहब्बत में सबकुछ सरलता से हो जाए ऐसा किस्मत वालों के साथ ही होता है। अन्यथा इसके राही के पास परेशानी की लंबी चौड़ी दास्तां होती है। गैर तो गैर अपने भी इसमें पराए हो जाते हैं। दुश्मन से कम नहीं। समस्तीपुर जिला अंतर्गत विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के मड़वा गांव गोपालपुर निवासी ऋतिक और राधा की कहानी कुछ ऐसी ही है।
मड़वा गोपालपुर गांव निवासी चंदेश्वर महतो के पुत्र ऋतिक कुमार व पड़ोसी ललन पासवान की पुत्री राधा कुमारी के बीच प्यार कब हुआ यह दोनों को भी नहीं पता। दोनों का बचपन साथ साथ गुजरा था। युवावस्था में भी एक ही साथ कदम रखा। खुशी और गम को बांटकर समय गुजारने वाले ऋतिक और राधा कब एक-दूसरेे से एक अनजान से रिश्ते की डोर में बंध गए, उन्हें मालूम ही नहीं चला। आज से करीब दो साल पहले हालात कुछ ऐसे बनते गए कि दोनों को इसका अहसास हुआ। लगा एक-दूसरे के बिना जीवन अधूरा है। फिर एक होने का संकल्प ले लिया। लेकिन, सामाजिक बंधन दोनों के एक होने की राह को रोक रहा था। परिवार के लाेेेग इस स्तर के नहीं थे कि समाज के विरोध को दरकिनार इस प्यार को एक हो जाने दें। इस बीच दोनों के स्वजनों की ओर से अलग-अलग शादी करने का दबाव बढ़ रहा था। अब प्रेमी युगल के पास बहुत विकल्प शेष नहीं रह गए थे। ऐसे में दोनों ने घर छोड़ने का फैसला किया। यहां से दिल्ली चले गए। लेकिन, जैसे ही दोनों के परिवार को इसकी जानकारी हुई, गांव में तनाव हो गया। दो अलग जाति का मामला होने के कारण तनाव स्वाभाविक ही था। बात थाने तक पहुंची। इसके साथ साथ दोनों के स्वजन भी अपने अपने स्तर से खोज रहे थे।
काफी खोजबीन के बाद उक्त प्रेमी युगल को नई दिल्ली से वापस लाया गया। फिर समाज के लोगों ने दोनों की शादी करा देने का फैसला सुनाया। इसके बाद स्थानीय थाना में दोनों परिवारों की रजामंदी के उपरांत आपसी सहमति पत्र बनवा दिया गया। तदोपरांत विद्यापतिधाम मंदिर परिसर में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में उक्त प्रेमी युगल परिणय के अटूट बंधन में बंध गए।