समस्तीपुर के युवक की दिल्ली में चाकू घोंपकर हत्या, गांव में मचा कोहराम

समस्तीपुर के हसनपुर के रहने वाले युवक के साथ दिल्ली में लूटपाट के दौरान बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम आजादपुर सब्जी मंडी में अपने पिता के साथ करता था सब्जी का कारोबार अपराधियों ने चाकू मारकर हत्या कर दी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:22 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:22 PM (IST)
समस्तीपुर के युवक की दिल्ली में चाकू घोंपकर हत्या, गांव में मचा कोहराम
समस्‍तीपुर के युवक की द‍िल्‍ली में चाकू मारकर हत्‍या। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर, जासं। हसनपुर थाना क्षेत्र के शोभेपुरा गांव के 24 वर्षीय युवक को दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी के निकट गुरुवार की सुबह अपराधियों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। इस घटना की सूचना के बाद से गांव के लोगों में कोहराम मच गया है। मृतक पंद्रह दिन पहले ही गांव से दिल्ली आया था। घटना के संबंध में बताया गया है कि शोभेपुरा गांव के जगदेव यादव अपने पुत्र जितेंद कुमार यादव के साथ दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी में वर्षों से सब्जी का कारोबार करते हैं। प्रतिदिन की भांति जितेंद्र गुरुवार की अहले सुबह करीब 4 बजे किराए के मकान से निकलकर मंडी के चला। ज्यों ही वह आजादपुर सब्जी मंडी स्थित आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचा की चार की संख्या में मौजूद अज्ञात बदमाशों ने चारों ओर से घेरकर उसके जेब में रखे 15 हजार रुपये और एक कीमती मोबाइल फोन छिनने का प्रयास करने लगा। रुपए लूटने का विरोध करने पर अपराधियों ने जितेंद्र के सिर, सीना और पेट पर कई जगहों पर चाकू से प्रहार कर गंभीर रूप से जख्मी कर रुपये और मोबाइल फोन छीनकर भाग निकला। स्थानीय लोगों ने जख्मी को इलाज के लिए जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही आजादपुर पुलिस अस्पताल पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सुपुर्द कर दिया है। दूसरी ओर जितेंद्र की हत्या किए जाने की जानकारी मिलते ही शोभेपुरा गांव के लोगों में कोहराम मच गया है। वहीं जितेंद्र की पत्नी और माता का रोते- रोते हाल बुरा है। ग्रामीणों के अनुसार दो साल पूर्व जितेंद्र की शादी हुई थी। इस दौरान मात्र सात महीना पूर्व एक पुत्र भी जन्म लिया। दिल्ली में सब्जी कारोबार शुरू करने से पहले जितेंद्र गांव में ही कोङ्क्षचग संस्थान संचालित करता था। जिसमें अच्छी खासी आमदनी हो जाती थी। लेकिन पिता के कारोबार को संभालने के लिए उसे दिल्ली जाना पड़ा।

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