समस्तीपुर रेल मंडल को मिला 511 जीपीएस ट्रैकर, कोहरे के दौरान कम प्रभावित होंगी गाड़ियां

समस्तीपुर रेल मंडल के सभी खंडों में चलने वाली हर ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस में लगाई गई है। जीपीएस आधारित इस डिवाइस के लगने से लोको पायलट को आने वाली स्टेशन के सिग्नल के नजदीक होने की जानकारी मिल जाती है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:05 AM (IST)
समस्तीपुर रेल मंडल को मिला 511 जीपीएस ट्रैकर, कोहरे के दौरान कम प्रभावित होंगी गाड़ियां
सर्दी के इस मौसम में रेल पटरी चटकने व क्रेक करने की घटना होती है।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। ठंड के मौसम में ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर रेलवे सतर्क हो गया है। समस्तीपुर रेल मंडल में कोहरे को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। रेलवे ने सुरक्षित यात्रा के लिए हर ट्रेन में जीपीएस आधारित फाग सेफ डिवाइस लगाया गया है। जाड़े के मौसम में कोहरे के मद्देनजर रेलवे द्वारा ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं जिससे कोहरे के दौरान कम से कम गाड़ियां प्रभावित हों और यात्रियों को परेशानी न हो। फाग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलटों को आगे आने वाली सिग्नल की चेतावनी देता है जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं। समस्तीपुर रेल मंडल के सभी खंडों में चलने वाली हर ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस में लगाई गई है। जीपीएस आधारित इस डिवाइस के लगने से लोको पायलट को आने वाली स्टेशन के सिग्नल के नजदीक होने की जानकारी मिल जाती है। पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल को 511 जीपीएस ट्रैकर मुहैया कराया गया है।

जाड़ा के मौसम में पटरी होती है क्रैक

सर्दी के इस मौसम में रेल पटरी चटकने व क्रेक करने की घटना होती है। इसे रोकने के लिए तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। सर्दी में लाइन सिकुड़ने लगती है। कई बार अधिक सिकुड़ने और फैलने के कारण रेल पटरी में फ्रेक्चर आ जाता है इसीलिए दिन-रात रेल पथों की पेट्रोलिंग की जा रही है।

समपार फाटक से पहले हॉर्न बजाने का निर्देश

समपार फाटक से गुजरने से पहले ही ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट को यह निर्देश दिया गया है कि वे काफी पहले से ही लगातार हॉर्न बजाते रहें। जिससे समपार फाटक पर तैनात गेटमैन एवं आमलोगों तक ट्रेन गुजरने की सूचना मिल सके। हॉर्न बजाने से लोगों को यह पता चल सके कि समपार फाटक से ट्रेन गुजरने वाली है। इतना ही नहीं, रेल प्रशासन स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि वे कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दें। इसके बाद दृश्यता की जांच वीटीओ से करें। दृश्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि वे गाड़ी के ब्रेक पावर, लोड और दृश्यता की स्थिति के आधार पर गाड़ी की गति को नियंत्रित करें। मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने बताया कि सभी ट्रेनों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगाया गया है। सभी रेलखंडों में पेट्रोलिंग मैन की तैनाती की गई है जो दिन-रात रेल पटरियों की सुरक्षा में लगे हुए है। वहीं घने कोहरे के समय पटाखा का भी उपयोग किया जाएगा। 

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