Samastipur News: दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का माध्यम है सफेद छड़ी दिवस

बिना किसी सहारा के वे छड़ी तकनीक का उपयोग कर सड़क पार कर रहे थे। जिले में पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ । छड़ी तकनीक का ऐसा अनोखा दृश्य को देखकर लोग ठहर गए ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:22 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:22 PM (IST)
Samastipur News: दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का माध्यम है सफेद छड़ी दिवस
दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने को लेकर निकाली गई जागरूकता रैली। फोटो- जागरण

समस्तीपुर, जासं। दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सफेद छड़ी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। शहर के पटेल मैदान स्थित गोलंबर पर जागरूकता को लेकर अभियान चलाया गया। दृष्टि दिव्यांग बच्चों ने छड़ी तकनीक का प्रयोग करते हुए मार्च निकाला। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक एवं सर्व शिक्षा अभियान) शिवनाथ रजक ने किया। 

इस दौरान दृष्टिबाधित बच्चों का उत्साह देखने लायक था। बिना किसी सहारा के वे छड़ी तकनीक का उपयोग कर सड़क पार कर रहे थे। जिले में पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। छड़ी तकनीक का ऐसा अनोखा दृश्य को देखकर लोग ठहर गए। दृष्टिबाधित बच्चों का उत्साह उन्हें मानों प्रेरित कर रहा हो। डीपीओ ने बताया कि समावेशी शिक्षा संभाग अंतर्गत सहायता उपकरण जांच शिविर सभी प्रखंडों में आयोजित किया जाना है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने सभी को आवश्यक निर्देश दिये ताकि शिविर में अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चे शामिल हो सके। मौके पर जिला समावेशी शिक्षा समन्वयक सुरेश कुमार, प्रमोद कुमार, कन्हैया कुमार राय, अरशद कमरान आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पिंकी कुमारी, यासमीन परवीन, मसूब आलम, मनीषा कुमारी, रिंकु कुमारी, कामिनी कुमारी, मो. कैफ सहित अन्य स्कूली बच्चे शामिल है।

दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने की हुई पहल

जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने कहा कि दृष्टिबाधित बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का माध्यम है सफेद छड़ी दिवस। उन्होंने कहा कि बच्चों को उत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। बुलंद हौसले से ही दिव्यांगता को हराया सकता है। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न स्कूलों में पूर्ण दृष्टबाधित बच्चों को चिह्नित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि सफेद छड़ी नेत्रहीनों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। चलने के साथ यह स्वतंत्रता की प्रतीक मानी जाती है। सरकार चाह रही है कि ऐसे दृष्टिहीन बच्चे हाशिये की जिंदगी नहीं जी सके।

बीईओ ने दृष्टिबाधित बच्चों का बढ़ाया हौसला

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने सफेद छड़ी लेकर चलने वाले दृष्टिबाधित बच्चों का हौसला बढ़ाया। कहा कि दृष्टिहीन दिव्यांग बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना है। नेत्रहीनों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही जब भी वे बाहर निकले तो सामने से आने वाले व्यक्ति से सावधानी बरती जा सके। इसमें दृष्टिबाधित बच्चे को छड़ी के सहारे सड़क पार कराकर समाज में जागरूकता बढ़ाना है। 

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