Samastipur News: विद्यालय में पुस्तकालय के संवर्धन एवं संरक्षण के प्रति समर्पित रहने के लिए छात्रों व शिक्षकों ने ली शपथ

पुस्तकालय सप्ताह के अवसर पर किशोर पाठक ही पुस्तकालय का भविष्य पर हुई परिचर्चा डा. दुर्गानंद चौधरी ने कहा- पुस्तकालय की अमूल्य निधि पाठक है जिसकी बहुलता पर ही पाठ्य सामग्री और उपस्कर की प्रचुरता है निर्भर ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 03:51 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 03:51 PM (IST)
Samastipur News: विद्यालय में पुस्तकालय के संवर्धन एवं संरक्षण के प्रति समर्पित रहने के लिए छात्रों व शिक्षकों ने ली शपथ
समस्‍तीपुर में आयोज‍ित कार्यक्रम में मौजूद लोग। जागरण

समस्तीपुर, जासं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोरदीवा में महंथ रामशरण दास विशिष्ट पुस्तकालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह मनाया गया। पुस्तकालय अध्यक्ष सुनील कुमार राय ने छात्र-छात्राओं व शिक्षकों से पुस्तकालय को अभिन्न मित्र बनाने का आह्वान करते हुए उन्हें पुस्तक, पुस्तकालय एवं पठनीय संस्कृति के संवर्धन एवं संरक्षण के प्रति समर्पित रहने की शपथ दिलाई। वहीं दूसरे सत्र में पुस्तकालय परिसर में किशोर पाठक ही पुस्तकालय का भविष्य विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई।

अध्यक्षीय संबोधन में डा. दुर्गानंद चौधरी ने कहा कि पुस्तकालय की अमूल्य निधि पाठक है, जिसकी बहुलता पर ही पाठ्य सामग्री एवं उपस्कर की प्रचुरता निर्भर है। ऐसी स्थिति में पुस्तकालय का भविष्य उज्जवल बनाने हेतु इससे अधिक से अधिक पाठकों को जोड़ना जरूरी है। मनोविज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो पाठकों का यह वर्ग किशोर है जिस पर फोकस किया जाए तो यह स्वयं के साथ अपने से ऊपर तथा अपने बाद वाली पीढ़ी को पुस्तकालय के प्रति प्रेरित करने में सबसे ज्यादा सक्षम है। यह कोई कल्पना नहीं तथ्य है कि किशोर द्वारा पुस्तकालय से ली गई पुस्तक घर के बुजुर्गों में भी उसे पढ़ने की रुचि पैदा करता है।

शिक्षक सिद्धार्थ शंकर ने कहा कि आज के किशोर कल के बुजुर्ग बनने पर अपने बच्चों में पुस्तकालय अभिरुचि का पल्लवन पुष्पन बड़ी सरलता से करेंगे, क्योंकि मनोविज्ञान कहता है कि किशोरावस्था के संस्कार का प्रभाव उसके मस्तिष्क पर आजीवन रहता है और वह उस अवस्था में पुस्तकालय प्रेमी रहा है। निसंदेह चर्चा का विषय प्रासंगिक है यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि पुस्तकालय का भविष्य किशोर पाठक है, क्योंकि आज का किशोर भविष्य में पुस्तकालय के पाठक बनने की स्वतः स्फूर्त प्रक्रिया का निर्माता होगा जो पीढ़ी दर पीढ़ी सतत जारी रहेगी और पुस्तकालय का भविष्य उज्जवल रहेगा। परिचर्चा में भाग लेने वाले में पुस्तकालय अध्यक्ष राजीव कुमार, शिव नारायण राय, अभय कुमार, शिक्षक रविंद्र कुमार, शशि भूषण पोद्दार, गगन कुमार, चितरंजन कुमार शर्मा, धीरेंद्र कुमार, अंशु कुमार मिश्रा, सुधा कुमारी, मुस्कान कुमारी, बेबी कुमारी, निशा कुमारी, सोनी कुमारी, सुमन यादव आदि उपस्थिति रहे।

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