मुजफ्फरपुर में सदर अस्पताल दूसरी डोज का टीका नहीं मिलने पर हंगामा

बैरिया के सुमन कुमार ने बताया कि 15 मई को दूसरी डोज का टीका लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मैसेज भेजा था। वह केंद्र पर पहुंचे तो बताया गया कि अब दूसरी डोज का टीका 45 दिनों के बाद दिया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:19 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:19 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में सदर अस्पताल दूसरी डोज का टीका नहीं मिलने पर हंगामा
दूसरी डोज के लिए इधर-उधर भटक रहे लोग, बढ़ी परेशानी।

मुजफ्फरपुर, जासं। सदर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र पर शनिवार को दूसरी डोज का कोरोना का टीका नहीं मिलने पर नाराज लोगों ने हंगामा किया। बैरिया के सुमन कुमार ने बताया कि 15 मई को दूसरी डोज का टीका लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मैसेज भेजा था। वह केंद्र पर पहुंचे तो बताया गया कि अब दूसरी डोज का टीका 45 दिनों के बाद दिया जाएगा। सीनियर सिटीजन राहुल रंजन ने बताया कि करीब 50 बुजुर्ग दूसरी डोज का टीका लेने के लिए 42 दिनों के बाद सदर अस्पताल पहुंचे थे। उन्हें बगैर टीका लगाए वापस लौटा दिया गया। बताया गया कि अभी वैक्सीन कम है। एक सप्ताह बाद सबको दूसरी डोज के लिए बुलाया जाएगा। बुजुर्गों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगाया कि कुछ लोगों को सिफारिश पर कोरोना का टीका दिया गया है। वहीं, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने बताया कि दूसरी डोज का टीका दिया जा रही हैं। जो हंगामा कर रहे हैं उन्हें 28 दिन बाद का मैसेज चला गया है। नई गाइडलाइंस के अनुसार 45 दिनों के बाद दूसरी डोज देने का निर्देश है। इससे टीका लेने पहुंचे बुजुर्गों को 45 दिन बाद आने के लिए कहा गया है। प्रतिदिन टीकाकरण अभियान चल रहा है।

सकरा में संचालित अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई को सीएस को पत्र

मुजफ्फरपुर: सकरा में संचालित अवैध नॄसग होम पर कार्रवाई के लिए बीडीओ आनंद मोहन ने सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। उल्लेख किया कि ग्रामीणों की शिकायत पर एक दर्जन नॄसग होम को कागजात जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। सात लोगों ने जो कागजात जमा किए, उसमें अधिकतर स्कैन किए गए हैं। उन्होंने इस संबंध में नर्सिंग होम की सूची भेजी है। उधर, जदयू के वरिष्ठ नेता अखिलेश कुमार सिंह ने भी सीएस को दूरभाष पर शिकायत की है। कहा कि अवैध रूप से निजी नॄसग होम के संचालन से मरीजों को जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से रूपये वसूल किए जाते हैं। नॄसग होम संचालक बड़े चिकित्सकों का नाम लिखकर झोला छाप चिकित्सकों से इलाज कराते हैं। नॄसग होम एक्ट को ठेंगा दिखाते हुए छोटे- छोटे कमरे में नॄसग होम का संचालन कर मरीजों को ठगने का काम करते हैं। उन्होंने अवैध नॄसग होम के संचालकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आग्रह किया है।  

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