आशा की हड़ताल से नियमित टीकाकरण बाधित, बच्चों के लिए बढ़ा खतरा

4428 चयनित स्थलों पर एक माह से बाधित हो रहा टीकाकरण। 13 हजार के करीब नौनिहाल नियमित टीकाकरण से वंचित।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 07:12 PM (IST)
आशा की हड़ताल से नियमित टीकाकरण बाधित, बच्चों के लिए बढ़ा खतरा
आशा की हड़ताल से नियमित टीकाकरण बाधित, बच्चों के लिए बढ़ा खतरा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में आशा की हड़ताल से नौनिहालों की जान खतरे में है। इनमें कई खतरनाक बीमारियों के होने की आशंका बढ़ रही। इन बच्चों की संख्या करीब 13 हजार के करीब है। अभी का हाल यह है कि हड़ताल के कारण 4428 चयनित स्थलों पर बच्चों का नियमित टीकाकरण नहीं हो पा रहा। इधर, हड़ताल खत्म कराने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई पहल भी नहीं दिख रही। विभाग की निष्क्रियता तब दिख रही, जब आशा इस महीने के पहले सप्ताह से ही हड़ताल पर हैं।

इन बीमारियों का खतरा

शून्य से एक साल के बच्चे को चेचक, हेपेटाइटिस, पोलियो, गलाघोंटू, कुकुरखांसी, टिटनस, निमोनिया, हीब, टीबी, डिप्थीरिया, जेई आदि का टीका दिया जाता है। इसके लिए बुधवार और शुक्रवार का दिन निर्धारित है। लेकिन, करीब एक माह होने को है, 3885 आशा हड़ताल पर हैं। इससे बच्चों को टीका नहीं दिया जा रहा।

यह है लक्ष्य

प्रखंड              चयनित      स्थल संख्या

औराई               272           751

बंदरा                125           346

बोचहां              234           596

गायघाट           228          656

कांटी                 222         688

कटरा                212         618

कुढऩी              394         1113

मड़वन           168          401

मीनापुर          342         837

मोतीपुर        366         988

मुरौल           117         241

मुशहरी        306        241

पारू           328       887

साहेबगंज      259         591

सकरा          299       784

सरैया          253       804

नगर निगम 303      987

 सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने बताया कि आशा की हड़ताल की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गई है। हड़ताल का असर अभियान पर पड़ रहा। कोशिश हो रही कि चयनित स्थलों पर एएनएम व स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से टीकाकरण अभियान चलता रहे। 

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