मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में रोस्टर का पालन नहीं, हंगामा

बालूघाट से इलाज कराने आए मुकेश कुमार ने कहा कि पेट दर्द होने पर अपनी बेटी को लेकर आए थे। इमरजेंसी में बेड व टेबल पर एक दो कर्मी आराम फरमाते मिले। पूछने पर बताया कि चिकित्सक राउंड पर हैं। वार्ड में जाकर खोजा तो वहां पर कोई नहीं मिला।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:21 AM (IST)
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के इमरजेंसी में रोस्टर का पालन नहीं, हंगामा
इमरजेंसी में आराम फरमाते रहे कर्मी दर्द से कराहते मरीज, चिकित्सक को खोजते रहे स्वजन।

मुजफ्फरपुर, जासं। सदर अस्पताल के इमरजेंसी में रविवार की दोपहर 12 से लेकर दो बजे तक कोई चिकित्सक नहीं दिखे। इसके कारण मरीजों को परेशानी हई। ब्रह्मपुरा से इलाज कराने पहुंचे मरीज के स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। उसके बाद सिस्टम को कोसते हुए वापस चले गए। बालूघाट से इलाज कराने आए मुकेश कुमार ने कहा कि पेट दर्द होने पर अपनी बेटी को लेकर आए थे। इमरजेंसी में बेड व टेबल पर एक दो कर्मी आराम फरमाते मिले। पूछने पर बताया कि चिकित्सक राउंड पर हैं। जनरल वार्ड में जाकर खोजा तो वहां पर कोई नहीं मिला। वार्ड में चार-पांच मरीज दिखे। मरीज के स्वजनों ने बताया कि सुबह से वार्ड में कोई देखने तक नहीं आया है। चिकित्सक के नहीं मिलने पर वह वहां से मरीज को लेकर वापस चला गया। ब्रह्मपुरा से मरीज को लेकर आई इशरत जहां भी चिकित्सक को खोजते हुए अपने मरीज को लेकर निजी क्लीनिक की ओर निकल ली। 

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने कहा कि इमरजेंसी में 24 घंटे चिकित्सक को रहना चाहिए। उपाधीक्षक से रिपोर्ट ली जाएगी। इमरजेंसी में रोस्टर लागू हो इसके लिए सख्ती की जा रही है। इमरजेंसी में तैनात होने वाले चिकित्सक का नाम व मोबाइल नंबर बाहर डिस्प्ले करने की व्यवस्था लागू होगी।

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दो एंबुलेेंस व एक शव वाहन आया

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर जिला को दो लाइफ सपोर्ट युक्त एंबुलेंस और एक शव वाहन उपलब्ध कराया है। इसमें शव वाहन को एसकेएमसीएच को दे दिया गया है। जबकि एक एंबुलेंस सदर अस्पताल और एक सकरा को दी गई है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीपी वर्मा ने बताया कि जिले में अब 62 एंबुलेंस और दो शव वाहन हो गया है। इतनी बड़ी संख्या में एंबुलेंस जिला में उपलब्ध होने से तीसरी लहर में मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी। सभी पीएचसी, सदर अस्पताल में एंबुलेंस की पर्याप्त संख्या है।  

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