बिहार में डकैती की घटना पुलिस के लिए चुनौती, सीतामढ़ी में फिर दो घरों में डाका, चार लोग जख्मी
सीतामढ़ी के बेला में डकैतों का तांडव एक ही रात दो घरों में डाका दर्जनभर डकैतों ने हथियार से लैस होकर नरगां में पंडित जगन्नाथ मिश्र व शिवनगर गांव में राम बहादुर साह के घर पर धावा बोला। जिसमें राम बहादुर साह और सुनील कुमार चोटिल हो गए।
सीतामढ़ी (परिहार), जासं। सोनबरसा में गुरुवार को दिनदहाड़े डकैती की घटना के तीसरे दिन बेला में एकबार फिर डकैतों का तांडव देखने को मिला है। एक ही रात दो घरों को निशाना बनाया। फायरिंग एवं बम विस्फोट भी किए। नकदी, जेवर एवं मोबाइल समेत लाखों की संपत्ति लूट ले गए। शनिवार की रात हथियार से लैस करीब दर्जनभर डकैतों ने नरगां में पंडित जगन्नाथ मिश्र एवं शिवनगर गांव में किसान राम बहादुर साह के घर पर धावा बोला। डकैतों के हमले में दो लोग राम बहादुर साह एवं सुनील कुमार जख्मी हो गए। इसके अलावा डकैतों ने राम बहादुर की पौत्र वधू सलिता देवी को हथौड़ी तथा जगन्नाथ मिश्र को लोहे के रॉड से प्रहार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घायलों को इलाज के लिए स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया गया है।पुलिस ने घटनास्थल से गोली का एक खोखा बरामद किया है। बावजूद फायरिंग व बम विस्फोट की घटना से इनकार किया है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना चोरी की है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात करीब 12:00 बजे डकैतों ने नरगां गांव निवासी जगन्नाथ मिश्र के घर धावा बोला। 70 वर्षीय जगन्नाथ मिश्र पर जानलेवा हमला कर लहूलुहान कर दिया। उनकी पत्नी दुलारी देवी के साथ भी मारपीट की तथा करीब 10 हजार रुपये नगद, सोने का एक हनुमानी व नाक का गहना, चांदी की अंगूठी व एक हनुमानी लूट लिए। उधर, शिवनगर गांव में रात के करीब 1:00 बजे कपिल देव साह के घर धावा बोला। लेकिन, उसका ग्रिल नहीं टूट सका। आवाज सुनकर पड़ोसी राम बहादुर साह नींद से जाग उठे। साह ने टोका तो डकैतों ने उनपर हमला बोला। वे किसी प्रकार जान बचाकर भागे।
डकैतों ने फायरिंग की जिसके छर्रे से वे जख्मी हो गए। इसके बाद डकैत राम बहादुर के घर में प्रवेश कर गए और नगद एक लाख, दो मोबाइल तथा करीब एक लाख के जेवर लूट लिए। विरोध करने पर राम बहादुर की पौत्रवधू सलिता को हथौड़ी से मारकर जख्मी कर दिया। लौटने के क्रम में डकैत पुनः कपलदेव साह के घर पहुंचे। यहां ग्रिल पर बम मारा। ग्रिल के पास अंदर खड़े कपिल देव के पुत्र सुनील कुमार इसमें जख्मी हो गए।