मुजफ्फरपुर में प्रखंडों में नदियां उफनाईं, कई गांव जलमग्न, आवागमन ठप

प्रखंडों में भी बारिश से बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। कटरा में बागमती के जलस्तर में चार फीट की वृद्धि हुई है। वहीं औराई में बागमती लखनदेई व मनुषमारा नदी उफना रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 04:30 AM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 04:30 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में प्रखंडों में नदियां उफनाईं, कई गांव जलमग्न, आवागमन ठप
मुजफ्फरपुर में प्रखंडों में नदियां उफनाईं, कई गांव जलमग्न, आवागमन ठप

मुजफ्फरपुर। प्रखंडों में भी बारिश से बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। कटरा में बागमती के जलस्तर में चार फीट की वृद्धि हुई है। वहीं, औराई में बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदी उफना रही है। साहेबगंज में भी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। कई गांवों में पानी घुसने से लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हैं। वहीं कहीं राहत सामग्री नहीं मिल रही तो कहीं पेयजल समेत अन्य समस्याओं को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

कटरा में विगत 24 घंटे में बागमती के जलस्तर में करीब चार फीट वृद्धि होने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैं। बाढ़ ने सभी 22 पंचायतों को आगोश में ले लिया है। सभी प्रमुख सड़कें बाढ के पानी में डूबी हैं। सैकड़ों घरों में पानी प्रवेश कर गया है। वहीं, बाढ़ से इन्कार कर रहे सीओ को तेहवारा पंचायत में लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। पंचायत प्रतिनिधियों ने त्राहिमाम संदेश जिला को भेजा है।

बागमती के अलावा लखनदेई व सियारी नदियां भी उफान पर हैं। लोग बेघर हो गए हैं। रविवार को तेहवारा सहित कई पंचायतों में सर्वेक्षण के लिए सीओ निकले। तेहवारा पंचायत के पीड़ितों ने उन्हें घेर लिया और घंटों बंधक बनाए रखा। उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। यही हाल बंधपुरा, बेलपकौना और खंगुराडीह में देखने को मिला। क्षेत्र का दौरा पूर्व विधायक महेश्वर राय ने भी किया और सीओ को हकीकत दिखाया। गंगेया स्थित यूनियन बैंक में पानी घुसने से कामकाज ठप हो गया। बकुची कालेज के कमरों में भी पानी घुस गया। अंदामा गांव के दर्जनभर परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हैं। डुमरी, बसघटृा, बर्री, चंदौली आदि की सड़कें डूब चुकी हैं। नावों की भी किल्लत है, जिससे निजी नाविक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। बाढ की चपेट में कटरा, धनौर, सोनपुर, बर्री, बसघटृा, तेहवारा, बंधपुरा, बेलपकौना, खंगुरा, नगवारा, चंगेल, कटाई, लखनपुर, यजुआर, शिवदासपुर, बेरई उत्तरी, हथौड़ी आदि पंचायतें हैं। मुखिया अरुण कुमार ने कहा कि विडंबना है कि सीओ पारसनाथ राय को बाढ़ दिखाई नहीं दे रही। 22 में मात्र दो ही पंचायतों को बाढग्रस्त माना है। मुखिया कुमारी सुनंदा, लानबाबू बैठा, शिवकुमार ठाकुर, देवेंद्र पासवान, मो इप्तेखार आलम आदि ने प्रभारी मंत्री को ज्ञापन देकर बाढ़ राहत की गुहार लगाई है।

साहेबगंज प्रखंड अंतर्गत तिरहुत तटबंध के किनारे अवस्थित माधोपुर हजारी, देवसर असली, बंगरानिजामत, पहाड़पुर मनोरथ, रूपछपरा, हुस्सेपुर व हुस्सेपुर रति में गंडक का पानी प्रवेश कर गया है। आने-जाने के मार्गो में पानी बढ़ता जा रहा है। इससे आवागमन बंद है। हुस्सेपुर रति में महादलित बस्ती चारों तरफ पानी से घिरी है। पूर्व पंचायत समिति सदस्य नारायण राम ने बताया कि घर के अंदर दो फीट पानी है। दो दिनों से चूल्हा नहीं जल पाया है। लोग बास के मचान पर शरण लिए हैं। करीब 10 हजार लोग गंडक नदी के पानी की चपेट में हैं। सीओ राकेश कुमार उत्पन्न स्थित पर नजर रखे हैं और जिला मुख्यालय को अवगत करा रहे हैं।

औराई में बारिश से बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। बागमती परियोजना उत्तरी से लेकर दक्षिणी बाध तक पानी ही नजर आ रहा है। वहीं पश्चिमी व उत्तरी क्षेत्र में मनुषमारा और लखनदेई नदी में आई बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। दक्षिणी क्षेत्र में जलजमाव ने बाढ़ का रूप ले लिया है। प्रखंड की 26 पंचायतें पूर्णरूप से बाढ़ प्रभावित हो गई हैं। करीब 5000 घरों में बाढ़ व बरसात का पानी घुस गया है। दर्जनों सड़कें जलमग्न हैं। पानी निकासी नहीं होने से लोगों में त्राहिमाम की स्थिति है। काग्रेस नेता कृष्णकात शाही, मुखिया संघ अध्यक्ष अनमोल ठाकुर, अंजू देवी, सीमा देवी, राम स्वार्थ राम, रघुनंदन मिश्र, दिग्विजय सिंह, मनोज सहनी, लाल सहनी आदि ने पूरे प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर पीड़ितों को मुआवजा देने की सरकार से मांग की है।

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