जनकपुरधाम में नगर दर्शन के साथ आज से शुरू होंगीं श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव की रस्में

विवाह पंचमी के दिन बारहबीघा मैदान में होगा स्वयंवर का आयोजन धूमधाम से होगा विवाहोत्सव। विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का जनकपुर धाम पहुंचना शुरू। अगले दिन शनिवार को फूलवारी लीला होगी। श्रीराममय हुआ जनकपुर धाम वृंदावन से आए संत कर रहे श्रीराम कथा का प्रवचन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:33 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:33 AM (IST)
जनकपुरधाम में नगर दर्शन के साथ आज से शुरू होंगीं श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव की रस्में
श्रीराममय हुआ जनकपुर धाम, वृंदावन से आए संत कर रहे श्रीराम कथा का प्रवचन।

हरलाखी(मधुबनी), संस। नेपाल के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी जनकपुर धाम में भगवान श्रीराम व जनकनंदनी माता जानकी के विवाह महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है । पूरा जनकपुर धाम महोत्सव के उमंग में डूब चुका है। विवाहोत्सव आठ नवंबर को श्रीसीताराम विवाह पंचमी के नाम से मनाया जाएगा । इस महोत्सव में शामिल होने के लिए दूरदराज से श्रद्धालु जनकपुरधाम पहुंचने लगे हैं । माता जानकी के मंदिर परिसर में वृन्दावन से आए बालव्यास श्रीहरिशरणजी महाराज श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सुबह-शाम प्रवचन के माध्यम से श्रीराम कथा सुना रहे हैं। यह प्रवचन सात दिसम्बर तक जारी रहेगा। विवाह महोत्सव के संबंध में जानकारी देते हुए जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामरोशन दास ने बताया कि शुक्रवार को भगवान श्रीराम को नगर दर्शन कराकर विवाहोत्सव का विधान शुरू कर दिया जाएगा।

रविवार को धनुष यज्ञ का आयोजन किया जाएगा

बताया कि राजा जनक के न्योता पर धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए भगवान श्रीराम भाई लक्ष्मण व अपने गुरु विश्वामित्र के साथ जब पहली बार जनकपुर आए थे तो उन्हें सबसे पहले नगर का दर्शन कराया गया था। अगले दिन शनिवार को फूलवारी लीला होगी। जनकपुर आने के बाद श्रीराम गुरु की पूजा के लिए फूल तोड़ने पुष्प वाटिका में गए। जहां मां गिरिजा की पूजा के लिए मां जानकी की पूजा के लिए फूल तोड़ने गई और भगवान श्रीराम से उनकी पहली मुलाकात हुई। अगले दिन रविवार को धनुष यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। सोमवार छह दिसम्बर को तिलकोत्सव मनाया जाएगा।

नौ दिसम्बर को राम कलेवा होगा

सात दिसम्बर मंगलवार को मटकाेर और आठ दिसम्बर बुधवार को विवाह पंचमी के दिन बारहबीघा मैदान में स्वयंवर के आयोजन के साथ ही विवाहोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। विवाहोत्सव के अंतिम दिन नौ दिसम्बर को राम कलेवा होगा अर्थात बारातियों के साथ प्रभु श्रीराम जनकपुर से विदा होंगे। इसके साथ ही विवाहोत्सव का समापन होगा।

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