Muzaffarpur Flood: बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढऩे से कई गांवों के सड़क संपर्क पर खतरा

बूढ़ी गंडक के जलस्तर बढऩे से रजवाड़ा भगवान पंचायत के कई गांव का पंचायत व प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग होने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं रजवाड़ा व डुमरी पंचायत में सैंकड़ो एकड़ में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 01:06 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 01:06 PM (IST)
Muzaffarpur Flood: बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढऩे से कई गांवों के सड़क संपर्क पर खतरा
रजवाड़ा हाट के पास सीओ ने जर्जर स्लूस गेट व तटबंध का किया निरीक्षण।

मुशहरी (मुजफ्फरपुर), जासं। बूढ़ी गंडक के जलस्तर बढऩे से रजवाड़ा भगवान पंचायत के कई गांव का पंचायत व प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग होने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, रजवाड़ा व डुमरी पंचायत में सैंकड़ो एकड़ में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। रजवाड़ा में बूढ़ी गंडक नदी की पेटी से पानी निकलकर गांव के ढाब व खेतों में बहाव शुरू हो गया है। जबकि रजवाड़ा से पीरमहमदपुर जाने वाली सड़क पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन बंद हो गया है। इधर, रजवाड़ा के सरपंच पति भूषण ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि रजवाड़ा हाट के पास जेसीबी से 15 फीट गडढा खोदकर मिट्टी खनन किया जा रहा है जिससे रजवाड़ा हाट के पास बूढ़ी गंडक के बांध पर दबाव बढऩे की संभावना है। इसकी शिकायत डीएम और स्थानीय थाने से की गई, लेकिन अबतक कोई करवाई नहीं हुई।

 इधर, बूढ़ी गंडक के जर्जर तटबंधों व स्लूस गेट का निरीक्षण सीओ सुधांशु शेखर ने किया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हेंं बताया कि बिंदा व सलहा में स्लूस गेट की स्थिति काफी खराब है। सीओ ने बताया कि जर्जर तटबंधों की मरम्मत को वे जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता व आपदा प्रबंधन विभाग के अपर समाहर्ता को पत्र लिखेंगे। मौके पर प्रधान सहायक आलोक कुमार, स्थानीय उपमुखिया अंगूरी कुमारी, पंसस मो अली,रंजीत कुमार, मनोज कुशवाहा आदि थे। इधर, विभागीय कनीय अभियंता विनोद कुमार सिंह ने बताया कि बांध के जर्जर होने का मुख्य कारण अतिक्रमण है।

स्थानीय लोगों ने बांध पर ही मवेशी का खटाल से लेकर झोपड़ी तक बना रखा है। बाढ़ के समय अधिकारियों के वाहन से लेकर कार्य करने वाले एजेंसी को वाहन लाने ले जाने में परेशानी होती है। जबकि विभागीय कार्यपालक अभियंता एवं सिविल एसडीओ द्वारा संयुक्त जांच व निरीक्षण के बाद सीओ को निर्देश दिया गया था कि अतिक्रमण मुक्त करें ,लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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