उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि, कटाव से दहशत

मधुबनी जिले के बाढ़ प्रभावित लौकहा बेनीपट्टïीमधवापुर और मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में परेशानी कम नहीं हुई है। खेतों और निचले क्षेत्रों में पानी जमा है। टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी और पश्चिमी प्रखंड की 20 पंचायते पानी से घिरी हैैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:33 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:33 AM (IST)
उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि, कटाव से दहशत
शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी के जलस्तर में तेजी आई है। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जाटी। उत्तर बिहार में रविवार को दिनभर कड़ी धूप और कई क्षेत्रों में हल्की बारिश के बीच नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। मौसम विभाग की ओर से एक-दो दिनों में भारी बारिश के अलर्ट के बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है। पश्चिम चंपारण में पहाड़ी नदियों में उफान से लोग सहमे हैैं। नदियों का कटाव जारी है। गंडक बराज से देर शाम तक 1.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गंडक में जलस्तर वृद्धि से शनिवार की रात पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड के ढेकहा के पास बनी पुलिया टूट गई। इससे आवागमन बाधित हो गया है। मधुबनी जिले के बाढ़ प्रभावित लौकहा, बेनीपट्टïी,मधवापुर और मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में परेशानी कम नहीं हुई है। खेतों और निचले क्षेत्रों में पानी जमा है। टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है। दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी और पश्चिमी प्रखंड की 20 पंचायते पानी से घिरी हैैं। समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड के अंगारघाट, मुरियारो में बूढी गंडक के जलस्तर में कमी आई है। मगर अंगारघाट वार्ड चार में कटाव से नदी किनारे बसे सौ से अधिक परिवारों पर खतरा मंडराने लगा है। नदी किनारे बने घरों के पास तीन सौ फीट में तेजी से कटाव हो रहा है। शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी के जलस्तर में तेजी आई है। 

बहादुरपुर के कई पंचायत को पूर्ण बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग

बहादुरपुर,संस: देकुली पंचायत किसान काउंसिल की बैठक मनोहर शर्मा और सुबोध चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बहादुरपुर पंचायत के कई पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित होने के बावजूद अंचल पदाधिकारी द्वारा आंशिक घोषणा करने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। और आंशिक पंचायत को पूर्ण बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई। बैठक में बाढ़ पीडि़तों को अविलंब राहत देने, पशु चारा का व्यवस्था करने, किसानों के फसल क्षति का अनुदान देने, महंगाई पर रोक लगाने, तीनों कृषि कृषि कानून वापस लेने, स्वास्थ्य सेवा मजबूत करने, भूमिहीनों को जमीन और बास समेत स्थानीय मुद्दों को लेकर दो अगस्त को बहादुरपुर किसान कौंसिल की ओर से आयोजित प्रदर्शन में अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को भाग लेने के लिए अपील की गई। बिहार राज्य किसान काउंसिल राज्य अध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार के हठधर्मिता के कारण आठ माह से ऊपर किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन चल रहा है। किसान डटे हुए हैं। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

जिले के किसान मजदूर ट्रेड यूनियन के सदस्यों समर्थकों को बड़ी संख्या में नौ अगस्त के ऐतिहासिक आंदोलन में शामिल होने का आवाहन किया। बहादुरपुर देकुली पंचायत के देकुली में संपन्न बैठक में दरभंगा जिला किसान काउंसिल के सचिव श्याम भारती ने कहा कि चक्रवाती वर्षा बाढ़ से किसानों के फसल बर्बाद हो गए। मगर सरकार किसानों के फसल क्षति का अनुदान देने में आनाकानी कर रही है। महंगाई और केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान बर्बाद हो रहे हैं। सरकार एकमात्र खेती जो बचा हुआ था उसे भी कारपोरेट घरानों को देने के लिए कृषि संबंधित तीन कानून लाया है।रोजगार भूमि आवास के मुद्दों पर 26 जुलाई से 8 अगस्त तक अभियान चलाया जा रहा है, और इस अभियान का समापन नौ अगस्त ऐतिहासिक दिन पर होगा। नौ अगस्त को पूरे दरभंगा जिले के खेत मजदूर किसान महिला ट्रेड यूनियन के लोग बरी संख्या में समाहरणालय पहुंच कर प्रदर्शन करेंगे। 

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