मुजफ्फरपुर में ब्रह्मपुरा पोखर के कायाकल्प का काम शुरू, आपके शहर में ऐसा कुछ हो रहा क्या?
तीन साल पूर्व तत्कालीन नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा की मदद से सरकार ने मुख्यमंत्री नगर विकास योजना मद से इसके विकास के लिए 1.28 करोड़ रुपये आवंटित किए। इसी योजना से पोखर का कायाकल्प हो रहा है।
मुजफ्फरपुर, जासं। दैनिक जागरण के तलाश तालाबों की अभियान के दौरान बह्मïपुरा पोखर को बचाने की जो कवायद स्थानीय लोगों ने की थी वह अब रंग ला रही है। सरकार की मदद से पोखर का कायाकल्प हो रहा है। बहुत जल्द पोखर पानी से लबालब होगा और आसपास के इलाके का भू-जल स्तर नहीं गिरेगा। पोखर न सिर्फ जल संरक्षण का माध्यम बनेगा, बल्कि पहले की तरह छठ पूजा और अन्य धार्मिक उत्सव हो पाएंगे।
शहर के पश्चिमी भाग स्थित यह एकमात्र पोखर है जहां हर साल छठ की छठा देखने लायक होती थी। छठ पूजा पर यहां मेला लगता था। पूरी रात लोग यहां रहकर धार्मिक आस्था के साथ मेले का मजा लेते थे। पोखर लोगों के मनोरंजन का केंद्र था। यहां तैराकी प्रतियोगिता तक होती थी। दो एकड़ में फैले पोखर के चारों तरफ मंदिर हैं। पूरब में शिव मंदिर, जगदंबा गहबर व शनिचरा मंदिर, दक्षिण से दु्र्गा मंदिर एवं पश्चिम में महावीर मंदिर। यहां हर साल सावन की अंतिम सोमवारी को भव्य मेला लगता था। धीरे-धीरे लोगों ने कूड़ा-करकट डालकर व मोहल्ले का गंदा पानी बहाकर पोखर को समाप्त कर दिया था। यह अंतिम सांस ले रहा था। मई 2016 में दैनिक जागरण ने तलाश तालाबों की अभियान के तहत स्थानीय लोगों व शहर के बुद्धिजीवियों की मदद से इसे बचाने की कवायद शुरू की। लोगों ने श्रमदान कर पोखर की सफाई की। कुछ लोगों ने धन से भी मदद की। तीन साल पूर्व तत्कालीन नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा की मदद से सरकार ने मुख्यमंत्री नगर विकास योजना मद से इसके विकास के लिए 1.28 करोड़ रुपये आवंटित किए। इसी योजना से पोखर का कायाकल्प हो रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इस साल पोखर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
पोखर को नया जीवन मिलने से खुश हैं लोग
दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के तहत मंगलवार को जब लोगों से बात की गई तो वे उत्साहित नजर आए। स्थानीय निवासी संजय कुमार ने कहा कि पोखर को फिर से ङ्क्षजदा होते देख खुशी हो रही है। इसके सूखने से आसपास के इलाके का जल स्तर गिरने लगा था। अब यह समस्या नहीं रहेगी। पोखर में बारिश का पानी सालों भर संचित रहेगा, जिससे भू-जल का संचित भंडार रीचार्ज होता रहेगा। उन्होंने इसके लिए दैनिक जागरण को धन्यवाद दिया। महापौर सुरेश कुमार ने कहा है कि ब्रह्मïपुरा पोखर के जीर्णोद्धार से आसपास के कई मोहल्ले को भू-जल स्तर गिरने से पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। शहर के अन्य पोखरों के विकास के लिए निगम प्रयास कर रहा है। प्रथम चरण में शहर के चार पोखरों, साहू पोखर, ब्रहृापुरा पोखर, तीन पोखरिया व महाराजी पोखर के विकास के लिए सरकार से बुडको से राशि मिली है।