चंदवारा व सिकंदरपुर कुंडल में बांध पर रहने की कर रहे तैयारी
भारत की एकता और अखंडता के लिए बलिदान देने वाले भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी का व्यक्तित्व एवं जीवनीशैली प्रेरणादायक है।
मुजफ्फरपुर : बढ़ी गंडक के जलस्तर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए नदी किनारे बसे लोग अब बांध पर अपना आशियाना तलाश रहे है। सिकंदरपुर कुंडल, मुक्तीधाम, चंदवारा से सटे छिट भगवतीपुर गांव से लोग ले बांध की ओर पलायन करने लगे हैं। बांध पर पहुंचे सिकंदरपुर के मोहन कुमार ने कहा कि अचानक बाढ़ आने से अफरातफरी की स्थिति में परिवार के साथ घर खाली करना मुश्किल होगा। इसलिए पहले ही सुरक्षित स्थान की खोज में निकले हैं। इलाके के कई घरों में पानी घुस गया है। वहीं, वार्ड संख्या- 45 के हनुमान नगर में भी घर खाली करने में लोग जुट गए हैं। चंदवारा स्लूस गेट से लेकर आश्रम घाट होते हुए सिकंदरपुर स्लूस गेट तक दर्जनभर जगहों पर प्लास्टिक का अस्थायी घर बन चुका है। झील नगर, हनुमंत नगर, शिवपुरी मोहल्ले में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। हालांकि अभी पानी उसी झोपड़ी तक ज्यादा पहुंच रहा जो तलहटी में हैं। एक दम नीचे हैं, लेकिन जो बांध के पास हैं उनके यहां ऐसी स्थिति नहीं है। नदियों के जलस्तर में लगातार गिरावट
जिले से गुजरने वाली गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती के जलस्तर में आई कमी, बह रही खतरे के निशान के नीचे जासं, मुजफ्फरपुर : जिले से गुजरने वाली गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती के जलस्तर में कमी आई है। तीनों नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। बूढ़ी गंडक का जलस्तर सिकंदरपुर में खतरे के निशान से चार फीट नीचे 51.13 मीटर पर है। वहीं, खतरे का निशान 55.23 मीटर पर है। बागमती का जलस्तर 53 मीटर पर है, जबकि खतरे का निशान 55.23 मीटर पर चिह्नित है। इसी तरह से गंडक का जलस्तर 53.91 मीटर पर है। वहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर चिह्नित किया गया है।