West Champaran: वीटीआर में पहली बार दिखा दुर्लभ प्रजाति का गिद्ध, कैमरे में कैद हुई तस्‍वीर

West Champaran बाघों की गणना के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरे में आई सिरिनियस प्रजाति के गिद्ध की तस्वीर दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध दिखे जाने पर वीटीआर महकमे में खुशी। हाल में बाघों एवं अन्य वन्य प्राणियों की गणना के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 02:10 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 02:10 PM (IST)
West Champaran: वीटीआर में पहली बार दिखा दुर्लभ प्रजाति का गिद्ध, कैमरे में कैद हुई तस्‍वीर
पश्‍च‍िम चंपारण के वीटीआर में मौजूद विशेष प्रजाति का गिद्ध।

पश्चिम चंपारण, जासं। बाघों व अन्य वन्य प्राणियों के लिए आदर्श माने जाने वाले वीटीआर अब दुर्लभ पक्षियों के लिए भी शरगाह बन रहा है। हाल में इस क्षेत्र में सिरिनियस प्रजाति के गिद्ध देखे जा रहे हैं। वीटीआर में बाघों की गणना के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरे में इसकी तस्वीर आई है। दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध देखे जाने से यहां के महकमे में एक बार फिर से खुशी की लहर दौड़ गई है।

वीटीआर के क्षेत्र निदेशक एचके राय की माने, तो दुर्लभ प्रजाति के यह गिद्ध पहली बार यहा देखा गया है। हाल में बाघों एवं अन्य वन्य प्राणियों की गणना के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें इस प्रजाति के गिद्ध की तस्वीर देखने को मिली है। काले रंग एवं गुलाबी चोंच वाले यह गिद्ध एसिया एवं यूरोप के पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाते हैं। प्रवासी पक्षी की श्रेणी में आने के कारण भारत के उत्तरी भाग में जाड़े के मौसम में देखी जाती है। इन क्षेत्रों में अपने मूल निवास क्षेत्र से अधिक गर्मी होने के कारण इसे अपना निवास स्थान बनाती है। हालांकि पिछले वर्ष इस चिड़िया को झारखंड के हजारीबाग में भी देखा गया है।

वीटीआर में पहले से भी रह रहे हैं 150 गिद्ध

वीटीआर में पहले से ही 150 की संख्या में गिद्धों की मौजूद के प्रमाण मिले हैं। इस क्षेत्र को गिद्धों के अधिवास के लिए माकूल माने जाने के बाद वीटीआर प्रशासन इस पर काम करने की तैयारी में भी है। सूबे में पहली बार इसके संरक्षण एवं संवर्द्ध्न की दिशा में पहल की जा रही है। इसके लिए वीटीआर प्रशासन सरकार को इस वर्ष भेजी गई वार्षिक कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। इसके लिए 57 लाख की कार्ययेजना बनाई गई है, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम भी शुरू करेगा।

गिद्धों के लिए बनाया जाएगा रेस्क्यू सेंटर

गिद्धों के सरंक्षण के लिए गोनौली वन प्रक्षेत्र के कंपार्टमेंट संख्या 22 में रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव है। इसमें गिद्धों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिए उपाय अख्तियार किए जाएंगे। ताकि इस क्षेत्र में सुरक्षित ढ़ंग से इस प्रजाति का अधिवास हो सके। इसके लिए दूसरे राज्यों से पक्षी वैज्ञानिकों को लाकर उनकी सलाह ली जाएगी।

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