सीतामढ़ी में पुलिस गिरफ्त में राणा, पांच साल में दो हत्या समेत 12 वारदातों में उसके गैंग का नाम आया
राणा मोबाइल फोन पर एसएमएस कर और पंपलेट फेंककर भी मांगता था रंगदारी। पहली अगस्त को इसने पहली हत्या की वारदात को मेहसौल ओपी क्षेत्र में अंजाम दिया। फिर मुजफ्फरपुर के अहियापुर में 24 अक्टूबर 2017 को इसपर आम्र्स एक्ट में दर्ज हुआ केस।
सीतामढ़ी, जासं। पुलिस कप्तान के मुताबिक बैरगनिया के चर्चित राकेश झा हत्याकांड में गिरफ्तार हुआ अमन पराशर उर्फ राणा का आपराधिक इतिहास पांच वर्ष का है। वह 2016-17 से अपराध की दुनिया में है। इस दौरान दो हत्याकांड समेत एक दर्जन आपराधिक वारदातों में उसका नाम आया। बैरगनिया में एक रंगदारी के केस में पुलिस ने छापेमारी की तो राणा का एक साथी हिमांशु झा और अन्य सहयोगी पकड़े गए थे। बाकी अन्य दो रंगदारी के मामले में इसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
इंटरनेशनल कॉल फेक नंबर से कॉल करके, मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजकर तथा पंपलेट फेंककर भी रंगदारी मांग रहा था। पहली अगस्त को इसने पहली हत्या की वारदात को मेहसौल ओपी क्षेत्र में अंजाम दिया। उसके बाद मुजफ्फरपुर के अहियापुर में 24 अक्टूबर, 2017 को इसपर आम्र्स एक्ट में केस दर्ज हुआ। 2018 में मेहसौल ओपी में ही दूसरा केस फिर दर्ज हुआ। तीसरा व चौथा केस भी मेहसौल ओपी में ही 10 फरवरी, 2020 तथा 28 दिसंबर, 2020 को दर्ज हुआ। इसके बाद 2021 आते-आते इसने ताबड़तोड़ सात घटनाओं को अंजाम दिया।
बैरगनिया से पूर्व रीगा में घटना की। उसी तरह परसौनी थाने के मदनपुर निवासी रामाशंकर शर्मा के साथ आम्र्स के बल लूटपाट की। मारपीट भी की गई थी। उसमें राणा सहित तीन आदमी राजोपट्टी निवासी माहताब आलम, कोट बाजार निवासी आशुतोष उर्फ गोलू नामजद हुए। फिर शाखा प्रबंधक अभिषेक कुमार के साथ पिस्टल के बल पर बाइक, मोबाइल व पैसा लूट में भी इन्हीं तीनों अभियुक्तों का नाम आया। नाहर चौक पर एक किराना व्यवसायी राजीव कुमार के पिता की हत्या हुई थी। उस हत्याकांड में पराशर का नाम आया। इससे पूर्व राजीव मोबाइल के पिता की हत्या हुई थी उसकी रंजिश में यह हत्या की गई बताई गई है।
पटना में छुपे होने की सूचना मिली तो भेजी गई टीम
सीतामढ़ी। एसपी ने बताया कि छह माह से फरार चल रहे राणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत थी। इस बीच पटना में उसके छुपे होने की पक्की सूचना मिली तो टीम भेजी गई। बैरगनिया थानाध्यक्ष रणवीर कुमार झा, पुअनि सुबोध कुमार, टेक्नीकल शाखा के सिपाही ओमप्रकाश कुमार एवं क्यूआरटी के सिपाही को भेजा गया था।
एसपी ने बताया कि राणा ने ही 12 अप्रैल को फर्नीचर दुकानदार जितेंद्र कुमार पिता वैद्यनाथ शर्मा गांव हसीमा वार्ड नंबर-दो से पंपलेट के माध्यम से 10 लाख रुपये एवं सीमेंट व्यवसायी राजेश कुमार पिता स्व. वीर बहादुर प्रसाद साहू, गोशाला रोड, बैरगनिया वार्ड नंबर-6 से एसएमएस के माध्यम से 30 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की गई थी। जिस संबंध में बैरगनिया थाने के पांच कांडों एवं पुनौरा के एक तथा मेहसौल के दो कांडों में राणा वांटेड था। एसपी ने कहा कि इस शातिर अपराधी की गिरफ्तारी के लिए अनुसंधान एवं छापेमारी दल में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा।