मोतिहारी में राजन ने खुद का बनाया ऑक्सिजन बैंक, कोरोना मरीजो को दे रहे राहत

सिस्टम से हारे लोगों को संजीवनी दे रहे राजन ऐसे में रक्तदान को लेकर चर्चित राजन श्रीवास्तव एक बार फिर कोरोना संक्रमण की चपेट में आये वैसे मरीजों के लिए वरदान साबित हों रहे हैं। जिन्हें ऑक्सीजन की दरकार है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:07 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:07 PM (IST)
मोतिहारी में राजन ने खुद का बनाया ऑक्सिजन बैंक, कोरोना मरीजो को दे रहे राहत
मोतिहारी में आक्सीजन सिलेंडरों के साथ राजन। जागरण

पूर्वी चंपारण, जासं। जिले में कोरोना ने खतरनाक रुख अख्तियार कर लिया है। कुछ महीनों की राहत के बाद कोरोना महामारी ने यहां दोबारा से कहर बरपाना शुरू कर दिया। रोज मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ने लगा है। ऐसे में रक्तदान को लेकर चर्चित राजन श्रीवास्तव एक बार फिर कोरोना संक्रमण की चपेट में आये वैसे मरीजों के लिए वरदान साबित हों रहे हैं। जिन्हें ऑक्सीजन की दरकार है।

बता दें कि राजन ने पिछले साल जब कोरोना का प्रकोप अपने चरम पर था तब अपने स्तर से एक ऑक्सिजन बैंक की व्यवस्था की थी। तब वे कोरोना पीड़ित गंभीर मरीजों को मुफ्त में ऑक्सिजन सिलिंडर उपलब्ध कराते थे। राजन बताते हैं कि यह सेवा तब से ही निरंतर जारी है। वैसे मरीज जो अपने घर पर ही आइसोलेट हैं उनके लिए अपने स्तर से ऑक्सिजन सिलिंडर उपलब्ध करा रहे हैं। यह सेवा जरूरतमंद मरीजों के लिए पूरी तरह निःशुल्क है। फिलहाल उनके पास रोज ही 15 से 20 जरूरतमंदों के कॉल आ रहे हैं। इनमे से अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग से भी मदद नही पिल पाती। एक तरह से देखा जाए तो राजन सिस्टम से हारे हुए लोगों को 'संजीवनी' देने का काम कर रहे हैं।

दोस्तों व रिश्तेदारों से ली मदद

राजन बताते हैं कि पिछले साल जब कोविड का प्रकोप शुरू हुआ तब विभिन्न मीडिया संस्थानों के माध्यम से उन्होंने देखा कि कोरोंना संक्रमितों में से जो ज्यादा बीमार होते हैं। उनके लिए ऑक्सिजन जीवनदायी होता है। इसके बाद उन्होंने ऑक्सीजन बैंक खोलने की सोची। इस बाबत सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर उन्होंने अपने रिश्तेदारों व परिचितों को भी अवगत कराया। जहां कुछ अन्य लोगो के सहयोग से अब तक उन्होंने 8 ऑक्सिजन सिलिंडर का इंतेजाम कर लिया है। दिन हो या रात जब भी किसी जरूरतमंद का कॉल आता है तो वे उसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए घर से निकल पड़ते हैं।

डर के आगे जीत है

राजन बताते हैं कि ऑक्सिजन लगाने के लिए उन्हें कोरोना मरीजो के पास जाना पड़ता है। शुरू में ऐसा करने में खुद के संक्रमित होने का काफी डर रहता था। लेकिन अब वे सतर्कता बरतते हुए अपने मिशन को अंजाम देने में जुट गए हैं। बता दे कि राजन एक ब्लड डोनर ग्रुप का भी संचालन करते हैं। जरूरतमन्दों को रक्त दिलाने में ये अहम भूमिका निभाते हैं।

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