तीन माह में सामान्य से 48 फीसद कम हुई बारिश, एक-दो दिन हल्की बारिश की संभावना

जिले में विगत तीन माह में सामान्य से 48 फीसद कम बारिश हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 30 Sep 2018 06:00 AM (IST)
तीन माह में सामान्य से 48 फीसद कम हुई बारिश, एक-दो दिन हल्की बारिश की संभावना
तीन माह में सामान्य से 48 फीसद कम हुई बारिश, एक-दो दिन हल्की बारिश की संभावना

मुजफ्फरपुर। जिले में विगत तीन माह में सामान्य से 48 फीसद कम बारिश हुई। जबकि, सितंबर में 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। जबकि, सामान्य बारिश का मानक 208 मिमी है। इस सप्ताह भी एक-दो दिन हल्की बौछार के बाद मौसम शुष्क हो गया।

शनिवार को भी तेज धूप से लोग बेहाल रहे। उमस बरकरार रही। दिन का तापमान 34 सेल्सियस हो गया। रात्रि का तापमान जरूर 26.1 सेल्सियस रहा।

वैसे तो हथिया नक्षत्र भी शुरू हो गया है। पहले दिन बौछार से हथिया का स्वागत भी हुआ। लेकिन, इसके बाद फिर सूखा की स्थिति हो गई। कहीं, ऐसा तो नहीं मानसून समाप्ति की ओर है।

विगत महीनों में बारिश का आंकड़ा

माह-सामान्य-वर्षापात-21 तक बारिश

जून -164 - 25.5- 84 फीसद कम

जुलाई-304.8-146.8-51.83 कम

अगस्त- 292.7- 251.2-14.17 फीसद कम

सितंबर 208.8-61 -65 फीसद कम

कुल सामान्य बारिश 914.7 हुई बारिश 481.3 सामान्य से - 49 फीसद कम बारिश

किसानों के लिए सलाह

धान की फसल में खरपतवार को साफ किया जाए। कीट के प्रकोप पर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन अथवा एग्रोमाइसिन 50 ग्राम का छिड़काव करें।

कुछ प्रखंडों में धान में खैरा रोग का प्रकोप है। इसके प्रबंधन के लिए पांच किलोग्राम जिंक सल्फेट और 2.5 किलोग्राम बुझा हुआ चूना 1500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। बारिश न होने से सूखने लगे धान

इस सप्ताह नियमित बारिश नहीं होने से धान की फसल सूखने लगी है। जिले में विलंब से बारिश शुरू होने के कारण धनरोपनी 25 जुलाई से शुरू हुई, जो अगस्त तक जारी रही। हालांकि, अगस्त की बारिश से धान को लाभ हुआ था। लेकिन, सितंबर में फिर सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई। इसका नतीजा रहा कि पश्चिमी क्षेत्रों में मड़वन से लेकर पारू व साहेबगंज तक फसल सूखने लगी है।

उधर, कृषि विभाग की राज्यस्तरीय बैठक में भी मौसम पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि बारिश न होने की दशा में डीजल अनुदान में तेजी लाई जाए। कृषि समन्वयक स्तर पर आवेदनों के सत्यापन में 15 दिन से अधिक का समय नहीं लगे। वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी भी 10 दिन के भीतर आवेदन सत्यापन करें। किसी भी तरह अनुदान देने में प्रक्रिया गत विलंब नहीं हो। इसमें जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी। जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. केके वर्मा ने कहा है कि डीजल अनुदान में तेजी लाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

chat bot
आपका साथी