दरभंगा एयरपोर्ट परिसर से जानवरों को हटाने पर बारिश के पानी ने लगाया ब्रेक

वन विभाग के स्तर पर की जा चुकी है पूरी तैयारी कोलकाता के विशेषज्ञ सुबर्तों मुखर्जी के नेतृत्व में पूरा किया जा चुका है सर्वेक्षण का काम। जानवरों को हटाने के लिए जरूरी उपकरण व केज निर्माण से जुड़ी सामग्रियों के खरीद की प्रक्रिया की जा चुकी है पूरी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:25 AM (IST)
दरभंगा एयरपोर्ट परिसर से जानवरों को हटाने पर बारिश के पानी ने लगाया ब्रेक
दरभंगा एयरपोर्ट पर चेन लिंक फेंसिंग निर्माण व पानी सूखने के बाद शुरू होगा काम। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। दरभंगा एयरपोर्ट परिसर से जानवरों को हटाने की सरकारी कोशिशों पर बरसात के पानी ने ब्रेक लगा दिया है। परिसर की झाड़ियों वाले क्षेत्र में रह रहे नीलगाय व जंगली सुअर को हटाने की दिशा में वन विभाग के स्तर पर की जानेवाली तैयारियां करीब-करीब पूरी की जा चुकी है। पश्चिम बंगाल में एयरपोर्ट परिसर से जानवरों को हटाने में सफलता हासिल करनेवाली कोलकाता की टीम ने विशेषज्ञ सुबर्तो मुखर्जी के नेतृत्व में सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है। जानवरों को हटाने में वोमा तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है। इसके लिए इनक्लोजर निर्माण के लिए जरूरी प्लास्टिक शीट, पाइप आदि की खरीद की जा चुकी है। जंगली सुअर काफी मजबूती से वार करते हैं सो उनको हटाने के लिए लोहे का पिंजरा बनाया जाना है। इसके लिए लोहे की जाली, एंगिल व अन्य जरूरी सामान भी वन विभाग के पास उपलब्ध हो चुका है। बस नट बोल्ट व अन्य चीजों की खरीद शेष है। इसकी जरूरत काम शुरू करने के वक्त है।

इन तमाम तैयारियों पर लगातार हो रही बारिश और इसके कारण परिसर में कायम जल-जमाव भारी है। जल-जमाव के कारण फिलहाल जानवरों को हटाना नामुमकिन है। वन विभाग के मुताबिक पानी सूखने और रनवे की सुरक्षा के लिए स्थापित चेन लिंक फेंसिंग के मजबूत होने के बाद ही जानवरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कारण यह कि परिसर के वनवर्ती इलाकों में जब जानवरों को हटाने का काम शुरू होगा तो वहां से उनके भागने की संभावना अधिक होगी और वे रनवे तक भी पहुंच सकते हैं। ऐसे में चेन लिंक फेंसिंग के काम पूरा होने का भी इंतजार है।

चेन लिंक फेंसिंग की मजबूती के काम को भी बारिश ने किया प्रभावित

सरकार ने एयरपोर्ट की सुरक्षा को देखते हुए चेन लिंक फेंसिंग और चहारदीवारी के ऊंचाई के लिए राशि का आवंटन जुलाई में ही कर दिया। राशि आवंटन के बाद स्थानीय स्तर पर काम शुरू करने की कवायद की गई। इस बीच लगातार रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण इसके निर्माण पर भी ब्रेक लगा है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर बताया गया है कि शीघ्र ही चेन लिंक फेंसिंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

दिसंबर में शुरू हो सकता जानवरों का हटाने का काम

वन विभाग के मुताबिक एयरपोर्ट के जिस स्थान से जानवरों को हटाया जाना है, वहां अत्यधिक जल-जमाव है। जमीन दलदली है। इसके सूखने में कम से कम नवंबर तक का समय लग सकता है। इस बीच चेन लिंक फेंसिंग का भी काम पूरा हो जाएगा। इसी के साथ जानवरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दिसंबर में इस काम को शुरू किए जाने की योजना है। यहां के जानवर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इसके लिए वहां के अधिकारियों से स्थानीय वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बात कर ली है। दरभंगा के वन प्रमंडल पदाधिकारी चंचल प्रकाशम् ने कहा कि एयरपोर्ट के जिस इलाके से जानवरों को हटाना है वहां जल-जमाव है। सूखी दिखनेवाली जमीन पर भी दलदल है। रनवे को सुरक्षित रखने के लिए चेन लिंक फेंसिंग का निर्माण किया जाना है। जमीन सूखने व चेन लिंक फेंसिंग के बनने के बाद जानवरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। सर्वेक्षण किया जा चुका है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन से बात हो चुकी है। दिसंबर तक में जानवर हटाने का काम शुरू होने की उम्मीद है।

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