रेलकर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध, कहा- निजीकरण पर नहीं लगी रोक तो जाम होगा रेल का चक्का
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध। प्लेटफॉर्म से लेकर रेलवे कॉलोनी तक किया प्रदर्शन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर निजीकरण का विरोध किया। साथ ही विभिन्न प्लेटफॉर्म से लेकर रेलवे कॉलोनी तक प्रदर्शन किया। कर्मियों ने कॉलोनी में बाइक जुलूस भी निकाला। इस दौरान केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इसके बाद जुलूस जंक्शन पर पहुंचकर आम सभा में तब्दील हो गया। यूनियन के मंडल मंत्री एससी त्रिवेदी ने कहा कि देशभर में निजीकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन चल रहा है।
केंद्र सरकार रेलवे का निजीकरण कर पूंजीपतियों को लाभ दे रही हैं। निजीकरण में ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा रहा है। इसमें फ्लेक्सी किराया हो रहा है। किराया बढऩे पर यात्रियों पर बोझ बढ़ेगा। संरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है। निजीकरण पर रोक नहीं लगी तो कर्मचारी रेल का चक्का भी जाम करेगी। मौके पर शाखा मंत्री आशुतोष कुमार, राम शुभम सिंह, मृत्युंजय शर्मा, केवी मधुकर, सुजीत कुमार गुप्ता, कृष्ण मोहन सिंह, विवेकानंद विवेक, अतुल झा, मंजीत मोहन, विजेंद्र कुमार, नयन कुमार पांडेय, जय कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह, मधुकर कुमार, रणजीत सिंह, अभिषेक कुमार, आलोक शर्मा, अरविंद कुमार, अजीत कुमार, रामानंद पासवान, रवि कुमार आदि थे।
ये हैं मुख्य मांगें
- एनपीएस को वापस लिया जाए।
55 वर्ष की आयु या 30 वर्ष की नौकरी के बाद सेवा पुनरीक्षण पर रोक लगाई जाए।
- उत्पादन इकाइयों का निजीकरण बंद करने।
- ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में बेचने पर रोक लगाई जाए।