समस्तीपुर में अवैध तरीके से ई-टिकट बनाने का खेल्र, जानिए कैसे पकड़े गए चालबाज
Samastipur crime news पर्सनल यूजर आइडी पर तत्काल ई-टिकट बनाने वाले दो युवक समस्तीपुर से गिरफ्तार आरपीएफ टीम को ताजपुर में छापेमारी के दौरान मिली सफलता कई टिकट लैपटॉप की-बोर्ड माउस प्रिंटर मोबाइल और अन्य सामान बरामद।
समस्तीपुर, जासं। रेलवे सुरक्षा बल ने सोमवार को ताजपुर थाना क्षेत्र के रोहुआ में छापेमारी करते हुए ई-टिकट के दो धंधेबाज को गिरफ्तार किया है। शातिर की पहचान ताजपुर थाना क्षेत्र के मोरवा गांव स्थित गोपाल टोला निवासी मो. मंजूर आलम के पुत्र मो. जुनैद आलम और दूसरे की पहचान मोरवा बाजार निवासी मो. मुस्लिम के पुत्र मो. अबरेज के रूप में हुई। दोनों के पास से अवैध रूप से काटे गए तत्काल ई-टिकट बरामद किए गए। साथ ही लैपटॉप, की-बोर्ड व माउस, प्रिंटर, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया गया ।
सभी टिकट पर्सनल यूजर आइडी पर बनाया गया था। मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर टीम ने यह छापेमारी की। इसमें उक्त सामान और कटे हुए टिकट की बरामदगी हुई। टीम ने पहले ताजपुर प्रखंड के रोहुआ बाजार स्थित आमिर मोबाइल एंड सर्विस सेंटर में जांच की। इसमें मो. जुनैद के पास से एक लैपटॉप, एक मोबाइल, एक ङ्क्षप्रटर जब्त किया गया। इसमें 6744 रुपये मूल्य का छह फ्यूचर रेल ई-टिकट तथा 61 हजार 385 रुपये का 24 पास्ट रेलवे ई-टिकट भी मिला। वहीं जमील इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सॉफ्टवेयर जोन में छापेमारी में मो. अबरेज को पकड़ा गया। इसके पास से भी एक लैपटॉप, दो मोबाइल व एक प्रिंटर बरामद किया गया। इसमें 1034 रुपये मूल्य का दो फ्यूचर रेल ई-टिकट तथा 23 हजार 44 रुपये का सात पास्ट रेलवे ई-टिकट भी मिला।
समस्तीपुर पोस्ट प्रभारी आलम अंसारी ने बताया कि इस टीम में सब इंस्पेक्टर चंदन कुमार ङ्क्षसह, निरंजन सिन्हा, आरक्षी दीपक कुमार, रौशन मिश्रा, बीरेंद्र कुमार सहित अन्य बल सदस्य शामिल रहे। अवैध रूप से रेलवे टिकट बनाकर बेचने वालों के प्रति रेलवे सुरक्षा बल काफी सक्रिय है। ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अवैध टिकट बेचने वालों के चक्कर में आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ये लोग अवैध तरीके से टिकट काट लेते है और जरूरतमंद आदमी को टिकट नहीं मिल पाता। ये लोग मनमाने तरीके से टिकट की कीमत मांगते है।
मनमाने कीमत पर बेचता था टिकट
आरपीएफ टीम आरोपी के आईडी को अभी भी खंगाला रहा है । मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के द्वारा निजी आईडी बनाकर रेलवे ई टिकट बनाकर मनमाने कीमत पर बेचा जाता था । इसकी भनक साइबर सेल को मिली। साइबर सेल ने इसकी सूचना आरपीएफ को दी । जिसके आधार पर आरपीएफ ने छापेमारी कर मामले का खुलासा किया। विदित हो कि कंफर्म टिकट देने के लिए टिकट दलाल के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न नामों से निजी आईडी बनाकर टिकट बनाकर बेचा जाता है।