चालू वित्तीय वर्ष में मधुबनी के जयनगर-कुर्था रेलखंड पर शुरू होगा रेल परिचालन

नेपाल सरकार के भौतिक पूर्वाधार एवं यातायात मंत्री रेणु कुमारी यादव ने जनकरपुर से इनर्वा तक रेलवे स्टेशन व ट्रैक का सड़क मार्ग से किया निरीक्षण। जयनगर-कुर्था रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर कुछ काम बांकी। अपूर्ण कार्य को अविलंब पूरा करने का दिया गया निर्देश।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 02:57 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 02:57 PM (IST)
चालू वित्तीय वर्ष में मधुबनी के जयनगर-कुर्था रेलखंड पर शुरू होगा रेल परिचालन
नेपाल सरकार के भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्री रेणु कुमारी यादव। जागरण

मधुबनी, जासं। नेपाल सरकार के भौतिक पूर्वाधार तथा यातायात मंत्री रेणु कुमारी यादव ने मंगलवार को जनकपुर से इनर्वा तक रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक का सड़क मार्ग से निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शीघ्र ही जयनगर से कुर्था तक वाया जनकरपुर सवारी गाड़ी का परिचालन प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में ही सवारी गाड़ी का परिचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि भारत-नेपाल में कायम बेटी-रोटी के संबंध को और मजबूत करने की दिशा में यह रेलखंड मील का पत्थर साबित होगा। ट्रेन परिचालन में काफी विलंब होने के बाबत पूछे जाने पर कहा कि कभी नेपाल में बाढ़ तो कभी वैश्विक महामारी कोरोना तो कभी कुछ तकनीकी कारणों से ट्रेन परिचालन में विलंब हुआ, लेकिन अब और अधिक विलंब नहीं कर इस वित्तीय वर्ष में ट्रेन का परिचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि जयनगर-कुर्था रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर भी कुछ काम बांकी है, जिसे अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि इस रेलखंड पर विवाह पंचमी से पूर्व ट्रेन परिचालन प्रारंभ करने को लेकर नेपाल की जनता आंदोलन पर उतारू हो गई है। जनकपुर समेत अन्य जगहों पर उक्त रेलखंड पर ट्रेन परिचालन प्रारंभ करने को लेकर नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों की ओर से आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है। मंत्री ने बताया कि ट्रेन परिचालन से पूर्व रेलकर्मी को 17 दिन के विशेष प्रशिक्षण को लेकर भेजा जाएगा।

दरभंगा जंक्शन पर लगा क्विक वाटरिंग सिस्टम

दरभंगा। पूर्व मध्य रेल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दरभंगा जंक्शन पर क्विक वाटरिंग सिस्टम प्लांट लगाया है। अब दरभंगा जंक्शन पर यात्रियों को पानी भरने में ना तो लंबी लाइन में लगनी होगी और ना ही पानी भरने में ज्यादा समय लगेगा। इस प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बरबादी पर नियंत्रण किया जा सकेगा। बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा सकेगा। इस तरह पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा। त्वरित जल प्रणाली में तीन उच्च दबाव वाले पंप शामिल हैं, जो प्लेटफार्म पर हाइड्रेंट को पानी की आपूर्ति करते हैं। इस संयंत्र के संचालन के लिए इसमें अग्रिम स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली भी है। इसमें पंपों की क्रमिक शुरूआत के साथ-साथ प्रत्येक पंप के लिए परिवर्तनशील गति नियंत्रण शामिल है। इस सिस्टम का कंट्रोल रिमोट ऑपरेशन के लिए मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। अब 24 कोच वाली ट्रेनों को पूरी तरह से पानी देने में केवल 10 मिनट का समय लग रहा है। इसका मतलब कि इससे 24 कोचवाली ट्रेन को पूरी तरह से पानी भरने में केवल 10 मिनट लगेगा।

chat bot
आपका साथी