मुजफ्फरपुर के बालूघाट कांड के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी को सीतामढ़ी व समस्तीपुर में छापेमारी, कई से पूछताछ

नगर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर ओपी अंतर्गत बालूघाट इलाके में हुई राकेश सहनी की हत्या मामले में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी को पुलिस ने कवायद तेज कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:21 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:21 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के बालूघाट कांड के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी को सीतामढ़ी व समस्तीपुर में छापेमारी, कई से पूछताछ
मुजफ्फरपुर के बालूघाट कांड के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी को सीतामढ़ी व समस्तीपुर में छापेमारी, कई से पूछताछ

मुजफ्फरपुर। नगर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर ओपी अंतर्गत बालूघाट इलाके में हुई राकेश सहनी की हत्या मामले में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी को पुलिस ने कवायद तेज कर दी है। इस कड़ी में रविवार की रात से लेकर सोमवार की देर शाम तक सीतामढ़ी व समस्तीपुर समेत कई जगहों पर छापेमारी की। किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के छिपने के सभी ठिकाने पर तलाश की गई। सभी फरार मिले। दूसरी ओर पुलिस इस मामले में आरोपितों के रिश्तेदारों व परिचितों से पूछताछ कर उसके बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। साथ ही रिश्तेदारों व परिचितों पर भी दबाव बढ़ाया गया है। साथ ही सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट व कर्पूरी नगर इलाके में भी पुलिस ने दबिश बढ़ाई है। खंगाला जा रहा काल डिटेल्स, धमाके की रात चालू था सुभाष का मोबाइल : सभी आरोपितों के मोबाइल नंबर का भी पुलिस को पता चल गया है। इसके मद्देनजर उसका काल डिटेल्स खंगालने में भी पुलिस जुटी है। पुलिस का कहना है कि विस्फोट की रात सुभाष का मोबाइल खुला हुआ था। मकान मालिक से उसकी बात भी हुई थी। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। रविवार की सुबह उसका मोबाइल बंद बताया। अंतिम लोकेशन पर पहुंची पुलिस, मिले फरार : काल डिटेल्स से उसके अंतिम लोकेशन का पुलिस को पता चल गया है। जिस पर वहां पर छापेमारी भी की गई। वहां पर कोई नहीं मिला। कहा जा रहा कि पुलिस के आने की उसे भनक लग गई थी। इसलिए वे सभी अलग-अलग जगहों पर शरण ले लिए। इसके बाद सुभाष व राधा के बारे में पता चला कि वे दोनों सीतामढ़ी में एक दूर के रिश्तेदार के यहां शरण ले रखे हैं। जिस पर त्वरित यहां से टीम वहां के लिए रवाना हुई। वहां भी पुलिस खाली हाथ रही। इसके बाद समस्तीपुर व ताजपुर में भी पुलिस ने छापेमारी की गई। कामयाबी नहीं मिली। पुलिस जांच में यह भी प्रकाश में आया कि पांच दिन पूर्व घटना को अंजाम देने के बाद से सभी आरोपितों द्वारा सामान को घर से हटाकर दूसरे जगह पर शिफ्ट कर दिया गया था।

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