Raids at Muzaffarpur DTO: निगरानी टीम के पहुंचते ही किचन में डर से छिप गया नौकर, नहीं खोला गेट

टीम के कई बार गेट खोलने को कहा नहीं खुलने पर महिला पुलिस ने पीछे से घर में किया प्रवेश। अलमारी की चाबी नहीं मिलने पर टीम ने तोड़ा लाक की खोजबीन। एक बैग में मिले 37 हजार रुपये पलंग समेत हर जगह की ली गई तलाशी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 07:44 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 07:44 AM (IST)
Raids at Muzaffarpur DTO: निगरानी टीम के पहुंचते ही किचन में डर से छिप गया नौकर, नहीं खोला गेट
महिला पुलिस ने पीछे से कमरे में प्रवेश किया और गेट खोला गया। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। डीटीओ रजनीश लाल के दाउदपुर कोठी आवास पर निगरानी टीम के पहुंचते ही घरेलू नौकर अमर कुमार झा कमरे में छिप गया। मुख्य द्वार का ताला खुला होने से टीम परिसर में प्रवेश कर गई, लेकिन दूसरे गेट का ताला अंदर से बंद था। लाव-लश्कर के साथ पहुंची टीम को देखते ही वह डर गया और कमरे में जाकर छिप गया। टीम के कई बार गेट खोलने को कहने पर भी उसने इसे नहीं खोला। किसी तरह से महिला पुलिस ने पीछे से कमरे में प्रवेश किया और गेट खोला गया। टीम ने उसे फटकारने के साथ ही समझाया एवं सहयोग करने को कहा। 

टीम ने उससे अलमारी की चाबी मांगी। चाबी नहीं होने की बात कहने पर उसका लाक तोड़ा गया। इसके बाद टीम में शामिल अधिकारियों ने खोजबीन शुरू कर दी। पलंग समेत हर जगह की तलाशी ली गई। काफी देर चली छापेमारी में टीम को एक बैग में 37 हजार रुपये मिले। डीएसपी कन्हैया लाल ने 37 हजार रुपये मिलने की बात कही है। डीटीओ जिस मकान में रहते हैं उसका मालिक यहां नहीं रहता है।

निगरानी टीम को देखते ही बेकाबू हुआ पालतू कुत्ता

मुजफ्फरपुर : निगरानी टीम जब डीटीओ के आवास पर पहुंची तो काफी संख्या में लोगों को एक साथ पहुंचने से परिसर में बंधा पालतू कुत्ता जोर-जोर भौंकने लगा। उसे काफी मुश्किल से शांत कराया गया।

मार्च 2020 में मुजफ्फरपुर का मिला था जिम्मा

डीटीओ रजनीश लाल मार्च 2020 में मुजफ्फरपुर पदस्थापित हुए थे। मार्च 2021 में उन्हें छपरा डीटीओ का भी प्रभार मिला। एक नंबर की दो बोलेरो का मामला सामने आने के बाद काफी तूल पकड़ा था। हालांकि ये मामला तत्कालीन डीटीओ मो.नजीर अहमद के समय का था। हेड क्लर्क, प्रोग्रामर समेत कई कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में कई जगहों पर छापेमारी की थी। कर्मियों को भी पूछताछ के लिए थाने ले गई थी।

कोरोना से पीडि़त होने से एक माह अस्पताल में रहे भर्ती

डीटीओ रजनीश लाल कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के शिकार हो गए थे। मई 2021 में एक माह तक वह इससे पीडि़त रहे। इस दौरान पटना के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती भी रहे। जून में कुछ दिन पहले ही वह डयूटी पर लौटे थे, लेकिन बीमारी से आई कमजोरी से कार्यालय कम ही आते थे। इससे पहले 2020 में लगे लाकडाउन में प्रवासी श्रमिकों के ट्रेन से वापसी के समय उन्हें घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन उन्होंने किया। इस दौरान जिले के विभिन्न प्रखंडों में श्रमिकों को बसों से भेजने की जिम्मेदारी निभाई।  

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