पूर्वी चंपारण के उत्पाद अधीक्षक के मोतिहारी, खगड़िया व पटना स्थित ठिकानों पर छापेमारी

आय से अधिक संपत्ति को लेकर मोतिहारी के साथ खगड़िया व पटना में छापेमारी की सूचना। वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी सरकारी सेवकों के आय से अधिक संपत्ति को लेकर छापेमारी की गई थी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:22 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:51 AM (IST)
पूर्वी चंपारण के उत्पाद अधीक्षक के मोतिहारी, खगड़िया व पटना स्थित ठिकानों पर छापेमारी
आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर चल रही छापेमारी। फोटो- जागरण

मोतिहारी, जासं। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विशेष निगरानी की टीम ने बुधवार की सुबह उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। मोतिहारी पहुंची टीम का नेतृत्व विशेष निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक सुधीर कुमार कर रहे हैं। उन्होंने उनके मोतिहारी स्थित कार्यालय और छोटा बरियारपुर स्थित उनके आवास पर जांच पड़ताल की। उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश मोतिहारी में नहीं मिले। बताया गया कि वे पटना स्थित अपने आवास पर हैं। टीम ने पटना स्थित उनके आवास पर भी दस्तक दी है और खगड़िया के पैतृक मकान पर भी छापेमारी चल रही है। टीम ने फिलहाल कुछ बताने से इनकार किया है और कहा है कि जांच पूरी होने के बाद सब कुछ बताया जाएगा।

गौरतलब हो कि उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के खिलाफ 7 नवंबर 2021 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) आरडब्ल्यू 13 (1) बी के तहत आय से अधिक मनमानी संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसको लेकर न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है। इस आलोक में उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी चल रही है। मोतिहारी शहर में उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश के नहीं मिलने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। उत्पाद अधीक्षक के पटना में होने की चर्चा हो रही है। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में इससे पहले भी कई नेताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों के यहां छापेमारी हो चुकी है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अब तक बहुत सारे लोग निलंबित किए जा चुके हैं एवं बहुतों को जेल की सजा भी हो चुकी है।  अभी हाल में दरभंगा के ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर को इसी तरह के मामले में सस्पेंड किया गया है। वे अपने खिलाफ चल रहे जांच में सरकार को सहयोग नहीं कर रहे थे। एजेंसी उनसे जो जानकारी मांग रही थी, वे नहीं दे पा रहे थे। कहा जा रहा है कि उनके पास से 67 लाख रुपये बरामद हुए थे।

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