एक-दूसरे के खेमे में सेंधमारी की चल रही कोशिश
आठ माह के लिए महापौर की कुर्सी पर कब्जा जमाने की लड़ाई तेज हो गई है।
मुजफ्फरपुर : आठ माह के लिए महापौर की कुर्सी पर कब्जा जमाने की लड़ाई तेज हो गई है। हालांकि अभी राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर चुनाव की तिथि को लेकर अब तक कोई नोटिस जारी नहीं किया है लेकिन दोनों खेमा मुकाबले की तैयारी में लगे हैं। महापौर पद से सुरेश कुमार के हटने के बाद नगर निगम की राजनीति दो खेमों में बंट गई है। एक खेमा का नेतृत्व वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह कर रहे हैं तो दूसरे खेमे का नेतृत्व वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार। दोनों खेमा अपनी ताकत बढ़ाने के लिए एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी करने में लगा है। पार्षदों को मनाने के लिए प्रभावी लोगों को आगे किया गया है। दोनों खेमों की नजर उन पार्षदों पर है जो किसी खेमा में नहीं हैं। उनका रुख क्या होगा यह चुनाव में परिणाम तय करेगा। दोनों खेमा के महारथी उनको अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।
--------------------
अपना रुख तय करने को पार्षद ले रहे जनता का फीडबैक
आठ माह बाद नगर निगम का चुनाव होना है। पार्षदों को जनता के बीच फिर से मत मांगने जाना है। इसलिए महापौर चुनाव को लेकर किसी भी खेमे का समर्थन करने से पूर्व पार्षद जनता का मिजाज जानना चाहते हैं ताकि उनका वोट खराब नहीं हो सके। इसलिए कुछ पार्षद इंटरनेट मीडिया की मदद से अपने वार्ड की जनता से उनका विचार मांग रहे हैं। वार्ड 27 के पार्षद अजय ओझा ने लोगों से उनकी राय मांगी है। लोग उनको राय भी दे रहे हैं। कई और पार्षद भी अपने-अपने वार्ड के बुद्धिजीवियों से राय मांग रहे हैं कि वे किस करवट जाए। इससे पता चलता है कि महापौर चुनाव की लड़ाई कांटे की होगी।