किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन
किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयुक्त बैनर तले किसान-मजदूर संगठनों ने सोमवार को समाहरणालय के पास प्रदर्शन किया।
मुजफ्फरपुर : किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयुक्त बैनर तले किसान-मजदूर संगठनों ने सोमवार को समाहरणालय के पास प्रदर्शन किया। किसान- मजदूरों ने खेत-खेती-किसान बचाओ, कॉरपोरेट लूट का राज मिटाओ, किसान बचाओ-देश बचाओ,किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लो, प्रस्तावित बिजली बिल वापस लेने व अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी की। शहीद खुदीराम बोस स्मारक स्थल से जुलूस निकाल कर किसान विभिन्न मार्गो से गुजरते हुए समाहरणालय के समक्ष पहुंचे। इसके बाद आम सभा हुई। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित सात सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा। किसान-मजदूर नेता कृष्ण मोहन ने कहा कि मोदी सरकार व भाजपा किसान आंदोलन को बदनाम करना बंद करे। किसान कृषि व देश हित में जीवन और मौत से जूझते हुए 19 दिनों से आंदोलन पर डटे हैं। किसान नेताओं -कार्यकर्ताओं को देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग कह कर दुष्प्रचार किया जा रहा है। अब किसान बचाओ- देश बचाओ अभियान के तहत गांव- पंचायतों में पंचायत लगा कर सरकार के खिलाफ लोगों को गोलबंद किया जाएगा। 29 दिसंबर को बिहार के सभी जिलों से हजारों की संख्या में किसान-मजदूर राज्यपाल के सामने प्रदर्शन करेंगे। मौके पर किसान- मजदूर संगठनों के नंदकिशोर शुक्ला, जितेंद्र यादव, चंदेश्वर चौधरी, रामवृक्ष राम, शिवलाल प्रभात, लालबाबू महतो, भूपनारायण सिंह, रामकिशोर झा, शत्रुघ्न सहनी, उदय चौधरी, शाहिद कमाल, प्रो.अवधेश कुमार, मदन प्रसाद, अर्जुन कुमार, विंदेश्वर साह, राघव पटेल, परशुराम पाठक, रूदल राम, काशीनाथ सहनी, विश्वानंद, अजीमुल्ला अंसारी, शंभूशरण ठाकुर, मो.युनूस, ओमप्रकाश सिंह, राजकिशोर राम, महेश चौधरी समेत बड़ी संख्या में वामदलों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।