बेला में जलजमाव से उत्पादन ठप, उद्यमियों में आक्रोश, घेराव की चेतावनी

बेला औद्योगिक क्षेत्र में जलजमाव से कई फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप रहा। पानी निकासी नहीं होने से उद्यमियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। बिना काम मजदूर वापस होते रहे। लघु उद्योग भारती के महामंत्री नरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बेला में शहर के बाद अब गांव का पानी घुस रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 01:30 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 01:30 AM (IST)
बेला में जलजमाव से उत्पादन ठप, उद्यमियों में आक्रोश, घेराव की चेतावनी
बेला में जलजमाव से उत्पादन ठप, उद्यमियों में आक्रोश, घेराव की चेतावनी

मुजफ्फरपुर। बेला औद्योगिक क्षेत्र में जलजमाव से कई फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप रहा। पानी निकासी नहीं होने से उद्यमियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। बिना काम मजदूर वापस होते रहे। लघु उद्योग भारती के महामंत्री नरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बेला में शहर के बाद अब गांव का पानी घुस रहा है। इस इलाके की दो सौ से ज्यादा फैक्ट्रियां पिछले दो माह से जलजमाव से प्रभावित हैं। कोई ऐसी फैक्ट्री नहीं जिसको दो से दस लाख के बीच नुकसान न उठाना पड़ा हो, लेकिन प्रशासन व जनप्रतिनिधि उदासीन हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि दो दिनों के अंदर जलनिकासी की व्यवस्था नहीं हुई तो बियाडा का घेराव होगा। उज्ज्वल पॉलीमार फैक्ट्री के अंदर जाने का रास्ता काटा दिया गया है। इससे वहां पर कच्चा सामान नहीं जा सकता और न बाहर कोई समान आ सकता। सड़क काटने से भी निदान नहीं हो रहा है। उद्यमी भारत भूषण ने बताया कि उनकी फैक्ट्री के अंदर बगल की फैक्ट्री व बियाडा के कच्चे नाले से पानी प्रवेश कर रहा है। अपनी पहल से जितना पानी निकाल रहे उतना प्रवेश कर रहा है।

पंपसेट नहीं लगाने से उद्यमियों में नाराजगी : युवा उद्यमी अवनीश किशोर ने बताया कि निगम से दो पंपसेट मिले थे। उनको दोबारा नहीं लगाया गया है। परिसर में केवल पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। नाला कच्चा है। वाहन पलट रहे हैं। पैदल या बाइक से भी चलने में खतरा है। कहां दुघर्टना हो जाए पता ही नहीं चलता।

ये होनी चाहिए व्यवस्था

- जलनिकासी के लिए आधा दर्जन पंपसेट लगाए जाएं।

- पक्का नाले का निर्माण हो तथा खतरे वाली जगह पर लाल निशान लगे।

- शहर के पानी का निकास बियाडा में नहीं करके बाहर होना चाहिए।

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