समस्तीपुर में किसान आंदोलन के समर्थन में निकाला जुलूस, आंदोलनकारियों ने पूतला फूंका

किसान आंदोलन के समर्थन में समस्तीपुर के ताजपुर बाजार क्षेत्र स्थित गांधी चौक पर अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले द्वारा संयुक्त रूप से जुलूस निकालकर उक्त कानून का पूतला फूंका गया। नारे लिखी तख्तियां झंडे बैनर लेकर दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:50 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 05:50 PM (IST)
समस्तीपुर में किसान आंदोलन के समर्थन में निकाला जुलूस, आंदोलनकारियों ने पूतला फूंका
अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले द्वारा संयुक्त रूप से जुलूस निकाला गया

समस्तीपुर, जेएनएन। कथित किसान विरोधी तीनों कानून और बिजली बिल 2020 की वापसी को लेकर दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में बुधवार को ताजपुर बाजार क्षेत्र के गांधी चौक पर अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा माले द्वारा संयुक्त रूप से जुलूस निकालकर उक्त कानून का पूतला फूंका गया।

मोतीपुर खैनी गोदाम से नारे लिखी तख्तियां, झंडे, बैनर लेकर संगठन द्वय के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला जो मुख्य मार्गों का नारे लगाते हुए भ्रमण कर गांधी चौक पहुंचा। वहां एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने की। राजदेव प्रसाद सिंह, बासुदेव राय, शंकर सिंह, संजीव राय, मुंशीलाल राय, मो. जावेद, रवींद्र प्रसाद सिंह, ललन दास, कैलाश सिंह, अर्जुन शर्मा, कुशेश्वर शर्मा, उपेंद्र शर्मा, देवन सहनी, सुखदेव सिंह, जीतन शर्मा, मो.गुलाब, विष्णुदेव कुमार, मुकेश मेहता, मो. नसीम, ऐपवा जिलाध्यक्ष सह माले नेत्री बंदना सिंह समेत अन्य वक्ताओं ने अस सभा को संबोधित किया.

बतौर मुख्य वक्ता सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि रेल, हवाई जहाज, बैंक, एलआइसी, एचपीसीएल, बीएसएलएन, लालकिला आदि को कारपोरेट कंपनियों को सौंपने के बाद मोदी सरकार कृषि एवं कृषि उत्पादों को अडानी- अंबानी ग्रुप को सौंपना चाहती है। वहीं सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने से कतरा रही है। किसानों को कारपोरेट और विचौलियों के चंगुल में फंसाया जा रहा है। इसे देश के किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उन्होंने दिल्ली में किसान आंदोलन पर सरकार के इशारे पर पुलिसिया दमन होने का आरोप लगाते इसकी निंदा करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि जो सरकार किसानों से टकराई है, वह सरकार जमींदोज हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर उक्त काला कानून वापस नहीं लिया गया तो मोदी सरकार को भी किसान सत्ता से उखाड़ फेकेंगे। 

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