अनुदान नहीं, जंगली जानवरों से मुक्ति दिलाए सरकार
कभी कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर कदाने नदी के तट पर बसी व प्रसिद्ध मा मनोकामना मंदिर को अपनी गोद में समेटे करजा डीह पंचायत प्राकृतिक कारण और जंगली जानवरों के आतंक से बेहाल हो चुकी है।
मुजफ्फरपुर। कभी कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर कदाने नदी के तट पर बसी व प्रसिद्ध मा मनोकामना मंदिर को अपनी गोद में समेटे करजा डीह पंचायत प्राकृतिक कारण और जंगली जानवरों के आतंक से बेहाल हो चुकी है। कभी दलहन, तेलहन, सब्जी सहित धान, गेहूं की पैदावार कर पेट भरने के अलावा आसपास के कई क्षेत्रों की निर्यातक रही पंचायत धीरे-धीरे अब अन्य क्षेत्रों पर निर्भर होने लगी है। इसका मुख्य कारण प्राकृतिक आपदा व जंगली जानवर हैं। इससे किसान खेती से विमुख हो रहे हैं। अब तो हताश व निराश किसान सरकार से माग कर रहे हैं कि कोई अनुदान नहीं चाहिए केवल नीलगाय, घोड़परा व वन सुअर से उन्हें मुक्ति दिला दें। दैनिक जागरण की ओर से लगाई गई चौपाल में रविवार को किसानों ने ये दर्द बयां किया। उनका कहना था कि क्षेत्र के किसान दलहन, तेलहन, सब्जी के अलावा मक्का, धान व गेहूं की भरपूर पैदावार लेते थे। जंगली जानवरों के आतंक से दलहन, सब्जी व मक्का की खेती करना किसानों ने छोड़ दिया। वहीं, धान व गेहूं की खेती भी अब सपना होती दिखाई दे रही है। सरकार से माग की कि उन्हें कोई सब्सिडी न दे, लेकिन इस समस्या से मुक्ति दिलाए। पंचायत की विडंबना रही है कि अगर अधिक बारिश हुई तो फसल बर्बाद हो जाती है। वहीं, कम में सूख जाती है । हालाकि क्षेत्र से दो-दो नहर निकलती हैं। कदाने नदी का स्त्रोत भी है। तीन नलकूप भी हैं, लेकिन किसानों को इससे कोई फायदा नहीं है। नलकूप से कभी पानी नहीं निकला तो नहर में भी कभी पानी नहीं आया। कदाने नदी भी बारिश के समय बाढ़ का कारण बनती है। वहीं, सुखाड़ में सूख जाती है। पंचायत में छह पोखर भी हैं, लेकिन इनमें भी पानी नहीं रहता। जलमीनार पहले से ही करोड़ों की लागत से बनी है, लेकिन उससे एक बूंद पानी भी नहीं निकला। दो-तीन वार्डो को छोड़ किसी भी नल से जल नहीं निकला। ग्रामीणों ने कहा कि दलित महादलित सहित अन्य समाज के कई टोले तार-पोल के बैगर बास-बल्ला के सहारे बिजली जलाने को विवश हैं। यहा सरकार की विद्युतीकरण योजना बेमानी लगती है। एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र व एक उप स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन लोगों को यहा से सही इलाज व दवा भी नहीं मिलती। उप स्वास्थ्य केंद्र में कोई सुविधा नहीं है। तीन पुस्तकालयों में दो के पास भवन भी है, लेकिन पुस्तकें नहीं हैं। इसी तरह क्षेत्र में 9 आगनबाड़ी केंद्र में मात्र 40 बच्चों का ही नामाकन है। कुछ तो कागज पर चल रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र का एकमात्र बुनियादी विद्यालय इसी पंचायत में है। यह मात्र धरोहर है। हालाकि इसके पास अपनी 14 एकड़ भूमि है। शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर है। इसी तरह क्षेत्र में प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालय लेकर सात विद्यालय हैं। यहा भी शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। नल जय योजना से शुद्ध पेयजल का सपना बेमानी दिख रहा है। कई जगहों पर जर्जर पोल व तार दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि पंचायत के पूर्वी हिस्से से चैनपुर चौक से मुजफ्फरपुर को जोड़ने वाली सड़क जर्जर होती जा रही है। करजा में मध्य विद्यालय तक की सड़क जर्जर है। करजा चौक से पूरब शहीद सुनील पथ पर थोड़ी सी बारिश में ही जलजमाव हो जाता है।कई टोले संपर्क पथ नहीं होने का दंश झेल रहे हैं। जमीन मिलने के बाद भी करजा थाना का भवन नहीं बन पा रहा है। वह जर्जर भवन में चल रहा है। लोगों ने सरकार से माग की कि जल-जीवन-हरियाली को अगर इस पंचायत में फलीभूत होते देखना चाहती है तो किसानों की समस्या पर ध्यान देना होगा।
निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करना ही उद्देश्य : उपमुखिया प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि 15 वषरें से जनप्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा कर रहे हैं। दो बार वार्ड सदस्य रहे। इस बार उपमुखिया हूं। अपने कार्यकाल में करीब 20 सोलिंग के कार्य, 7 पीसीसी, तीन पोखर की उड़ाही, नाला की उड़ाही, स्वास्थ्य केंद्र में मिट्टी भराई कराई है। तीन पीसीसी सड़क का कार्य जल्द पूरा होने वाला है। निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करूं, यही मेरा उद्देश्य है। हर समय जनता की उम्मीदों पर खरा उतरूं।
चौपाल में ये लोग हुए शामिल : गणेश प्रसाद सिंह, सरोज कुमार सिंह, श्रीनारायण झा, लक्ष्मण झा, धीरेंद्र झा, रामेश्वर सिंह, राजेश कुमार, नित्यानंद कुमार, तारकेश्वर सिंह, रोशन कुमार, मंतोष कुमार, संजय कुमार, राहुल कुमार झा, कुंदन कुमार, धमर्ेंद्र कुमार झा, कमलेश कुमार, नवीन कुमार, सूरज कुमार, कुंदन कुमार झा, सरपंच मिना देवी, राम लाल राम, अनिता देवी, अशोक भगत, सुशील कुमार, राम शरण सहनी पैक्स अध्यक्ष, शिवजी साह, विकास कुमार, विशाल कुमार आदि।
पंचायत एक नजर में
आबादी - करीब 14 हजार
वोटर- 7 हजार 500
विद्यालय - 7
आगनबाड़ी- 9
जनवितरण की दुकान -7
सिंचित भूमि - 2 हजार एकड़
असिंचित भूमि- ढाई हजार एकड़
स्वास्थ्य केंद्र - दो
पोखर - 6
मंदिर- 10
मस्जिद- 1