अपनी पहचान बनाने को टकटकी लगाए है शहीद जुब्बा व बांगुर सहनी का गांव
मीनापुर प्रखंड मुख्यालय से करीब पाच किलोमीटर उत्तर-पूरब दिशा में अवस्थित शहीद जुब्बा सहनी और बागुर सहनी का गाव चैनपुर को अब तक अपनी पहचान नहीं मिली।
मुजफ्फरपुर। मीनापुर प्रखंड मुख्यालय से करीब पाच किलोमीटर उत्तर-पूरब दिशा में अवस्थित शहीद जुब्बा सहनी और बागुर सहनी का गाव चैनपुर को अब तक अपनी पहचान नहीं मिली। यह कोइली पंचायत का हिस्सा है। इसको राजस्व गाव का दर्जा नहीं मिलने से लोगों को मलाल है। कई बार नेता, मंत्री, अधिकारी आए सिर्फ आश्वासन देकर चले गए। कोई काम नहीं हुआ। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी ग्रामीण टकटकी लगाए हैं। एक अदद स्कूल भी नहीं है। सड़क, अस्पताल, पानी आदि की सुविधा तो दूर। हा बिजली जरूर पहुंच गई है, लेकिन वार्ड छह व आठ में कुछ भागों में पोल तार नहीं हैं। दैनिक जागरण की ओर से गाव में गुरुवार को चौपाल में ग्रामीणों ने समस्याओं की झड़ी लगा दी। सभी नेताओं और प्रशासन को कोसते रहे। राजस्व गाव का दर्जा देने के साथ इसे पर्यटक स्थल बनाने की माग की। शहीद के गाव में एक हिंदी प्राथमिक स्कूल तक नहीं है। हाईस्कूल व मिडिल स्कूल की बात तो दूर की है। अस्पताल, सड़क, शुद्ध पेयजल तक नसीब नहीं है।
शहीद के पैतृक गाव को पर्यटकस्थल बनाने से होगा रोजरोजगार का सृजन : चौपाल में संजय सहनी ने सड़क की समस्या बताई तो राजमंगल सहनी ने गाव की उपेक्षा करने का आरोप नेताओं व सरकार पर लगाया। राम वियोग सहनी ने स्कूल अस्पताल की जरूरत बताई। मो. दाऊद अंसारी ने मूलभूत सुविधाओं की मांग की। मो. कमालुद्दीन अंसारी ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जब गोशाला का उद्घाटन करने आए तो 80 लाख अनुदान देने की घोषणा की, लेकिन ये अब तक नहीं मिला। गोशाला बंद हो गई। मो. नसीर ने गाव में बेरोजगारी अधिक होने की बात बताते हुए कहा कि सरकार शहीद के पैतृक गाव को पर्यटक स्थल बना दे तो यहा रोजगार का सृजन हो जाता। राज कुमार सहनी राजस्व गाव का दर्जा देने, महेश सहनी ने प्राथमिक स्कूल खोलने, जंग बहादुर सहनी ने अस्पताल की मांग उठाई। गाव में हाईटेंशन के झूल रहे तारों को ठीक कराने के लिए कई बार बिजली विभाग के अधिकारी को लिखा गया, लेकिन शायद वह बड़े हादसे के इंतजाम में है। बड़ी आबादी के बाद भी छोटा सा ट्रांसफॉर्मर लगा है जो लोड नहीं उठा पा रहा है। इसी तरह खुदुस अंसारी, बिल्ट सहनी, बिंदा सहनी, प्रमोद कुमार ने बताया कि सबसे पहले कोइली पंचायत ओडीएफ घोषित हुई। अब तक पचास फीसद लोगों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। जिमदार सहनी बताया हमारे टोला में न पोल है न तार बिल हर महीने आ रहा है।
सभी पंचायतों से भिन्न है कोइली की भौगोलिक स्थिति : मुखिया ने कहा कि कोइली पंचायत की भौगोलिक स्थिति सभी पंचायतों से भिन्न है। बागमती नदी ने इसे कई खंडों में कर दिया है। पहले से ही इस चैनपुर गाव को कुछ लोग नजरंदाज करते रहे। इसे अपनी पहचान नहीं मिली। चैनपुर को राजस्व गाव का दर्जा दिलाने को कई बार सरकार को लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गोसायपुर घाट में एक पुल, पंचायत सरकार भवन, प्राथमिक, मिडिल व हाईस्कूल बनाने को प्रयासरत हूं। अस्पताल की सख्त जरूरत है। जल नल योजना के तहत 15 जगहों पर कार्य जारी है। इसमें आठ पूर्ण हो चुका है। करीब 200 लोगो का नाम आवास योजना में प्रतीक्षा सूची में है।
बिना भेदभाव सभी वर्गो के प्रति समर्पित : मुखिया अजय कुमार ने कहा कि पंचायत के सर्वागीण विकास के लिए प्रयासरत हूं। बहुत विकास हुआ है बहुत अभी करना बाकी है। चैनपुर को राजस्व गाव का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत हूं। गोसाईपुर में एक पुल की दरकार है। पंचायत भवन की भी कोशिश हो रही है। सभी वार्डो में नल जल योजना और सात निश्चय पर काम हो रहा है। बिना किसी भेदभाव के सभी वगरें के विकास के प्रति समर्पित हूं।
चौपाल में ये रहे उपस्थित : मो. दाऊद अंसारी, मो. कमालुद्दीन अंसारी, मो.नसीर, चंदेश्वर सहनी, राज कुमार साहनी, महेश सहनी, जंग बहादुर सहनी, राम आशीष सहनी, जिमदार सहनी, मो.कुदस अंसारी, बिंदा सहनी, प्रमोद कुमार, संजय सहनी, राजमंगल सहनी, राम वियोग सहनी, गोनौर सहनी आदि।
पंचायत एक नजर में
प्राथमिक स्कूल 5
मिडिल स्कूल 4े
आगनबाड़ी केंद्र 9 पुराने, दो नए
उप स्वास्थ्य केंद्र 01
आबादी 18000
मतदाता 6600