TB free campaign : निजी दवा दुकानदारों को रखना होगा टीबी के मरीजों का डाटा Muzaffarpur News
TB free campaign जांच के दौरान दवा वितरण रिकॉर्ड नहीं मिलने पर रद होगा लाइसेंस। टीबी मुक्त जिला बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। टीबी मुक्त अभियान को गति देने के लिए अब सरकारी अस्पताल के साथ निजी दवा दुकानदारों पर सख्ती की जाएगी। टीबी की दवा बेचने के साथ मरीज का पूरा पता रखना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला यक्ष्मा उन्मूलन से जुड़े अधिकारियों व ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ सिविल सर्जन ने बैठक कर दवा वितरण व बिक्री का फीडबैक लिया।
सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि जिले में यक्ष्मा केंद्र सहित सभी पीएचसी स्तर पर टीबी की मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सक व दवा दुकान को भी पैनल में रखा गया है। निजी दवा दुकानदार व चिकित्सक को इसके लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।
कहा कि कई निजी दवा दुकानदार टीबी की दवा बेचते हैं, लेकिन मरीज का रिकॉर्ड उनके पास नहीं है। अब ड्रग इंस्पेक्टर नियमित दवा दुकान की जांच करेंगे अगर दुकान में टीबी की दवा मिलेगी तथा उसके सेवन करने वाले का रिकॉर्ड नहीं होगा तो दवा दुकानदार से पूछताछ के बाद उनका लाइसेंस भी रद किया जाएगा।
जिले में चार हजार के करीब हैं टीबी के मरीज
जिले में टीबी के मरीजों की संख्या 3 हजार 8 सौ 63 पहुंच गई है। सबसे ज्यादा मरीज मरीजों को लेकर गायघाट व मीनापुर हाई रिस्क जोन में है। दोनों जगह पर 300 से ज्यादा मरीज हैं।
प्रखंडवार मरीजों की संख्या
प्रखंड - मरीज
औराई-184
बंदरा-110
मोतीपुर-276
बोचहां-177
मुरौल-42
गायघाट-413
कांटी-240
कटरा-208
कुढऩी-219
मड़वन-110
मीनापुर-419
मुशहरी-240
पारू-260
साहेबगंज-225
सकरा-220
सरैया-244
नगर निगम-329