दरभंगा जेल में बंदियों ने तैयार की ‘लाल भिंडी’, संवार रहे सेहत

दरभंगा में प्रयोग के तौर पर पहले चरण में चार कट्ठे में की गई खेती ब बढ़ाया जा रहा खेती का दायरा लाल भ‍िंडी में सामान्य भिंडी की अपेक्षा पाए जाते हैं अधिक पोषक तत्व यह सेहत के ल‍िए बेहद फायदेमंद।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 01:43 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 01:43 PM (IST)
दरभंगा जेल में बंदियों ने तैयार की ‘लाल भिंडी’, संवार रहे सेहत
दरभंगा जेल में लगे पौधे में लगी लाल भिंडी। जागरण

दरभंगा, {संजय कुमार उपाध्याय}। दरभंगा जेल के बंदियों ने जेल परिसर में पोषक तत्वों से भरपूर ‘रेड ओकरा’ की फसल तैयार की है। इसे लाल भिंडी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खासीयत यह है कि सामान्य भिंडी की अपेक्षा इसमें अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह ब्लड प्रेशर, डायबिटिज और हाई कोलेस्ट्राल के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। यह सबकुछ संभव हो पाया है जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम की पहल के बाद। जेल अधीक्षक संदीप कुमार द्वारा ट्रेंड बंदियों की टीम खेती कर रही है। प्रारंभिक चरण में जेल परिसर की चार कट्ठे जमीन पर सब्जी के इस नई प्रजाति की खेती की गई है। प्रतिदिन करीब पांच किलो भिंडी खेत से निकल रही है। इसका उपयोग फिलहाल जेल के बंदियों के भोजन में किया जा रहा है। पहले प्रयोग के सफल होने के बाद कारा प्रशासन ने जेल परिसर में पांच कट्ठे और जमीन चिह्नित की है। उसे तैयार किया जा रहा है। जेल प्रशासन ने इस काम में जेल के ही करीब पंद्रह कुशल बंदियों को लगाया है।

भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र वाराणसी ने विकसित किया है प्रभेद

कृषि विज्ञान केंद्र जाले के केंद्राधीक्षक डा. दिव्यांशु शेखर बताते हैं कि भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, वाराणसी में विकसित भिंडी की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। पिछले साल से ही इसके बीज भारतीय बीज निगम की ओर से बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। सामान्य भिंडी की अपेक्षा इसमें पोषक तत्व ज्यादा पाए जाते हैं। इसे आर्गेनिक सब्जी के रूप में देश महानगरों के बड़े-बड़े माल में रखा जा रहा है। फिलहाल यह भिंडी का उत्पादन कम किसान कर रहे हैं। आगे इसे विस्तार देने की दिशा में काम चल रहा है। जेल में इसकी खेती की जा रही है, यह सुखद है।

- जेल के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम की प्रेरणा से ‘रेड ओकरा’ की खेती की गई है। पहला प्रयोग सफल हो गया है। इसके बाद पांच कट्ठे के दूसरे प्लाट को चिह्नित किया गया। पंद्रह बंदियों की टीम को खेती में लगाया गया है। फिलहाल जो भी उत्पादन हो रहा है उसे बंदियों के भोजन में शामिल किया गया है। ताकि, उन्हें पोषक तत्व मिले। -संदीप कुमार जेल अधीक्षक, दरभंगा।

-दरभंगा जेल में लाल भिंडी की खेती के सफल होने के बाद इसका विस्तार किया जाएगा। जेल प्रशासन और यहां के बंदियों की यह कोशिश प्रेरक है। अब इसे जिले के बेनीपुर जेल में भी लागू किया जाएगा। वहां भी लाल भिंडी की खेती कराने की दिशा में पहल होगी। -डा. त्यागराजन एसएम जिलाधिकारी, दरभंगा।

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