मुजफ्फरपुर में महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी

महापौर पद पर फिर से सुरेश कुमार के बहाल होते ही नगर निगम की राजनीति में उबाल आ गया है। विरोधी खेमा उनके खिलाफ फिर से सक्रिय हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 04:30 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 04:30 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी
मुजफ्फरपुर में महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी

मुजफ्फरपुर। महापौर पद पर फिर से सुरेश कुमार के बहाल होते ही नगर निगम की राजनीति में उबाल आ गया है। विरोधी खेमा उनके खिलाफ फिर से सक्रिय हो गया है। वे महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में लग गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव की कापी पर पार्षदों का हस्ताक्षर कराया जा रहा है। उम्मीद है कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव की कापी महापौर को सौंपी जा सकती है। इस बार अविश्वास प्रस्ताव लाने की पहल नगर विधायक विजेंद्र चौधरी के सबसे करीबी वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू कर रहे हैं। सुरेश कुमार के महापौर पद पर फिर से बहाल होने की सूचना के बाद ही अपनी रणनीति तय करने के लिए महापौर विरोधी खेमा शुक्रवार देर रात्रि तक बैठक कर मंथन करने में लगा रहा।

हालांकि सुरेश कुमार नगर विकास विभाग का पत्र मिलने के बाद शनिवार को निगम कार्यालय नहीं पहुंचे, लेकिन पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री का जन्म दिन मनाने समर्थक पार्षदों के पास जरूर पहुंच गए। साथ ही विरोधी खेमा को सक्रिय होते देख महापौर समर्थक खेमा भी सक्रिय हो गया है। यदि विरोधी खेमा अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो उसकी काट के लिए रणनीति बनाने में लग गए हैं।

24 जुलाई को पारित हुआ था महापौर के खिलाफ प्रस्ताव

12 जुलाई को 18-18 पार्षदों ने महापौर सुरेश कुमार एवं उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 23 जुलाई एवं महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 24 जुलाई को नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक हुई थी। उपमहापौर अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो गए थे लेकिन महापौर सुरेश कुमार अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए थे। तब महापौर के खिलाफ में 31 एवं पक्ष में आठ पार्षदों ने वोट किया था। उसके बाद नगर आयुक्त ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी के मध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग को महापौर के खाली पद पर चुनाव कराने का अनुरोध किया था, लेकिन आयोग ने बैठक की सूचना आधा दर्जन पार्षदों को समय पर नहीं देने की बात कहते हुए बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए चुनाव कराने से इंकार कर दिया था। उसके बाद से मामला लटका हुआ था, लेकिन सरकार ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया कि महापौर सुरेश कुमार अपनी कुर्सी पर बरकरार है।

महापौर के कार्यालय कक्ष का खुला ताला : नगर विकास एवं आवास विभाग को पत्र मिलते ही नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के निर्देश पर महापौर के कार्यालय कक्ष पर लगा ताला खोल दिया गया है और इसकी साफ-सफाई करा दी गई। साथ उनके पीए को फिर से बहाल कर दिया गया है। इतना ही नहीं नगर आयुक्त द्वारा महापौर को निगम की गतिविधियों की रिपोर्ट भी भेजनी शुरू कर दी गई है।

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