Darbhanga : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने तैयारी शुरू, ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेज

क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण एनेसथिसिया विभाग के परिसर में शुरू है। इसकी क्षमता 40 हजार लीटर प्रतिदिन उत्पादन की है। इसे एक पखवारा के भीतर तैयार करने को कहा गया है। इस प्लांट के निर्माण की जिम्मेवारी लिंडेक कंपनी को दी गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:12 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:12 PM (IST)
Darbhanga : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने तैयारी शुरू, ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम तेज
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर से लोगों की सुरक्षा को लेकर दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (डीएमसीएच) में तैयारी शुरू हो गई है। तत्काल तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू किया गया है। इसके पहले एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा चुका है। इन सभी प्लांटों के शुरू होने के बाद एक साथ चार प्लांटों से ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण एनेसथिसिया विभाग के परिसर में शुरू है। इसकी क्षमता 40 हजार लीटर प्रतिदिन उत्पादन की है। इसे एक पखवारा के भीतर तैयार करने को कहा गया है। इस प्लांट के निर्माण की जिम्मेवारी ङ्क्षलडेक कंपनी को दी गई है।

दूसरा प्लांट के निर्माण का जिम्मा भारत प्रेट्रोलियम गुवाहाटी की ओर से एनआरएल को दिया गया है। इसकी क्षमता दो हजार लीटर प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन की है। इस प्लांट से उत्पादन जुलाई से शुरू हो जाएगा। इस प्लांट का निर्माण स्थल केंद्रीय इमरजेंसी वार्ड और केंद्रीय ओपीडी के साइकिल स्टैंड के समक्ष किया जा रहा है। इन दोनो प्लांट का निर्माण भारत सरकार की ओर से किया जा रहा है।

वहीं बिहार सरकार की ओर से गायनिक वार्ड के समक्ष ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी जिम्मेवारी पाथ संस्था को दी गई है। इस प्लांट की क्षमता रोज एक हजार लीटर ऑक्सीजन उत्पादन है। इसके पहले बिहार सरकार की ओर से एक हजार लीटर क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया जा चुका है। वर्तमान में इसी प्लांट से आइसोलेशन वार्ड के मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सभी प्लांट के चालू होने के बाद किसी दूसरे जगह से ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बताया गया है कि इन चारों प्लांटों से 24 घंटे ऑक्सीजन गैस का उत्पादन होगा। हरेक दिन 400 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन गैस एक साथ आपूर्ति किया जा सकता है। तत्काल इन तीनों पर सिविल वर्क का काम चल रहा है। इन तीनों प्लांट को जुलाई में शुरू करने का आदेश जारी है। इसमें सबसे बड़ा क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट है।

शिशु रोग वार्ड में फेब्रिकेटेड वार्ड बनाने का प्रस्ताव

इसके अलावा शिशु रोग वार्ड में फेब्रिकेटेड वार्ड का निर्माण कराने का प्रस्ताव सरकार को दिया गया है। मेडिसिन वार्ड में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को रखने का आदेश दिया जा चुका है। ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीजों के लिए नेत्र रोग, कान,नाक और मुंह वार्ड आरक्षित है। ब्लैक फंगस के पॉजिटिव मरीज बीएससी नर्सिंग छात्रावास में रखे जाएंगे।

प्लांट शुरू होने के बाद नहीं होगी आक्सीजन की कमी : प्राचार्य

डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि सभी स्थलों पर ऑक्सीजन गैस प्लांट का काम शुरू है। इन सभी प्लांट के चालू होने के बाद मरीजों को कभी भी ऑक्सीजन गैस का अभाव नहीं होगा। इन सभी प्लांट को जुलाई में शुरू हो जाएगा। सिविल वर्क के बाद मेकेनिकल काम शुरू हो जाएगा। यह तैयारी तीसरे लहर के लिए की जा रही है।

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