मुजफ्फरपुर में पंचायत चुनाव की तैयारी तेज, मतगणना केंद्र का प्रस्ताव भेजा, ईवीएम से होगा चुनाव
पूर्वी अनुमंडल से जिला निर्वाचन पदाधिकारी को आया प्रस्ताव ईवीएम की तैयारी के लिए भी हाल का चयन कर लिया गया है। इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम से होना है। इससे वोटर से लेकर प्रत्याशी तक सबको सुविध होगी।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में पंचायत चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई है। बूथ के बाद अब मतगणना केंद्र एवं स्ट्रांग रूम के लिए भी स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं। इस क्रम में एसडीओ पूर्वी ने अनुमंडल क्षेत्र के प्रखंडों में मतगणना केंद्र एवं स्ट्रांग रूम का प्रस्ताव जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भेज दिया है। इसके अलावा ईवीएम की तैयारी के लिए भी हाल का चयन कर लिया गया है। पश्चिमी अनुमंडल का प्रस्ताव आने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। एसडीओ पूर्वी के प्रस्ताव के अनुसार प्रखंडवार इस तरह मतगणना स्थल, स्ट्रांग रूम व हाल का किया गया चयन।
सकरा : बलिराम उच्च विद्यालय, सकरा में ही तीनों कार्य होंगे।
कटरा : स्ट्रांग रूम नवनिर्मित प्रखंड कार्यालय का हॉल दो एवं तीन और किसान भवन में रहेगा। मतगणना केंद्र नवनिर्मित प्रखंड कार्यालय का हॉल एक एवं दो को बनाया जाएगा। इसमें ही ईवीएम की तैयारी होगी।
बंदरा : सर्वाेदय उच्च विद्यलाय, पीयर में सभी कार्य होंगे।
मीनापुर : यदु भगत किसान महाविद्यालय, मुस्तफागंज में मतगणना केंद्र एवं स्ट्रांग रूम होंगे। ईवीएम की तैयारी के लिए प्रखंड कार्यालय स्थित बीआरसी भवन का इस्तेमाल किया जाएगा।
बोचहां : प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित एसएफसी भवन में सारे कार्य होंगे।
मुरौल : राजकीय शिवनंदन उच्च विद्यालय 10 2 सादिकपुर मुरौल में सभी कार्य होंगे।
मुशहरी : इस प्रखंड में सभी कार्य राजकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज बेला में होंगे।
औराई : मध्य विद्यालय औराई में तीनों कार्य होंगे।
गायघाट : राजकीयकृत उ'च माध्यमिक विद्यालय जारंग में सभी कार्य होंगे।
जिला परिवहन कार्यालय में शुरू हुआ काम, बैकलाग बनी चुनौती
मुजफ्फरपुर । लंबे समय के बाद जिला परिवहन कार्यालय में वाहन संबंधी सभी काम शुरू हो गया है। डीटीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव के पदभार लेने के बाद प्रोग्रामर व आपरेटरों को लागिन व पासवर्ड मिल गया। सोमवार को वाहन संबंधी सभी काम की शुरुआत हो गई। पूर्व डीटीओ रजनीश लाल पर निगरानी की कार्रवाई के बाद यहां काम ठप हो गया था। फिटनेस व टैक्स जमा को छोड़ कर सभी कार्य बंद थे। इससे वाहन मालिकों को परेशानी हो रही थी। ड्राइविंग लाइसेंस, आनरबुक, गाड़ी का ट्रांसफर आदि के बैकलाग की संख्या काफी बढ़ गई है।