बिहार के छह जिलों में गर्भवतियों को आज से मिलेगा ‘वंडर एप’ का लाभ

दरभंगा में सफल प्रयोग से कई महिलाओं की जान बचाने में मिली कामयाबी के बाद सूबे के छह मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में एप के उपयोग को मिली हरी झंडी राजधानी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देखा प्रेजेंटेशन हुई सुविधा बहाली की घोषणा।

By Murari KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:50 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 05:42 PM (IST)
बिहार के छह जिलों में गर्भवतियों को आज से मिलेगा ‘वंडर एप’ का लाभ
बिहार के छह जिलों में गर्भवतियों को आज से मिलेगा ‘वंडर एप’ का लाभ।

दरभंगा [विभाष झा]। दरभंगा में गर्भवती के लिए वरदान साबित हो रहा ‘वंडर एप’ का उपयोग अब सूबे की राजधानी पटना समेत गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और नालंदा में भी किया जाएगा। यह सुविधा सोमवार से दरभंगा समेत सभी छह जिलों में बहाल हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजधानी पटना के संवाद भवन में इस एप को आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय पार्ट-2 के तहत रविवार को आयोजित कार्यक्रम में सूबे के उपरोक्त अस्पतालों में लागू करने का शुभारंभ किया। साथ ही इस एप के निर्माण के लिए दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की प्रशंसा की है।

दरभंगा में मिले बेहतर परिणाम तो सूबे में बहाल हुई सेवा

दरभंगा जिले में मातृत्व सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए मोबाइल आधारित वंडर एप का सफल परीक्षण किया गया। इसके परिणाम उत्साहवर्धक रहे। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण व मातृत्व जटिलताओं की ससमय पहचान त्वरित इलाज व सफलतापूर्वक अनुश्रवण भी इससे संभव हो सका। इस स्थिति में दरभंगा के अलावा पांच अतिरिक्त जिला क्रमश: पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, भागलपुर तथा गया में इसे लागू करने का निर्णय लिया गया।

ऐसे काम करता है एप

गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए इस एप का निर्माण जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की पहल पर यूएस के शिकागो में रह रहीं चिकित्सक डॉ. नर्मदा कुपुस्वामी के सहयोग से किया गया है। एप गर्भवती की चिकित्सकीय व लैब रिपोर्ट एक यूनिक कोड के साथ सुरक्षित करता है। संबंधित महिलाओं की रिपोर्ट नजदीक के पीएचसी में होती है। सेलफोन से इसके कनेक्ट रहने के साथ जैसे ही गर्भवती आपात स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है। मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वंडर एप में जैसे सूचना दर्ज करते हैं तो उच्च चिकित्सा संस्थान को अलर्ट मैसेज आता है। फिर महिला की चिकित्सा बिना देरी संभव होती है। जिले में करीब 60 हजार महिलाओं को इससे जोड़कर यूनिक नंबर दिया गया है। अबतक आधा दर्जन महिलाओं की प्राण रक्षा की गई है।

इन जगहों पर होना है उपयोग पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मुजफ्फरपुर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, भागलपुर अनुग्रह नारायण मगध चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, गया वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल, पावापुरी नालंदा दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, लहेरियासराय (पूर्व से संचालित)

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