बिना इंटरनल के हो रही थी भौतिकी की परीक्षा, उत्तरपुस्तिका जमा करने के दौरान हंगामा

स्नातक की प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 03:22 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 03:22 AM (IST)
बिना इंटरनल के हो रही थी भौतिकी की परीक्षा, उत्तरपुस्तिका जमा करने के दौरान हंगामा
बिना इंटरनल के हो रही थी भौतिकी की परीक्षा, उत्तरपुस्तिका जमा करने के दौरान हंगामा

मुजफ्फरपुर : स्नातक की प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। डिग्री और संबद्ध कालेजों की तो बात कौन कहे अंगीभूत कालेजों का भी यही हाल है। प्रायोगिक परीक्षा में संस्थान के शिक्षक और बाह्य परीक्षकों को रहना होता है। एलएस कालेज में मंगलवार को भौतिकी विभाग में प्रायोगिक परीक्षा ली जा रही थी। यहां भौतिकी के अलावा गणित और रसायनशास्त्र के भी वैकल्पिक विषय के विद्यार्थी यहां पहुंचे थे। चेहल्लुम की छुट्टी के बाद भी कालेज खुला था क्योंकि 29 सितंबर तक ही प्रायोगिक परीक्षा ली जानी है। यहां दो बाह्य परीक्षकों की ड्यूटी लगी थी। इसमें डा.जे मिश्रा कालेज के प्रभात सिन्हा मौजूद थे, जबकि एक अन्य बाह्य परीक्षक आरएसएस कालेज चोचहां के अशोक कुमार वहां मौजूद नहीं थे। वहीं एलएस कालेज के भौतिकी विभागाध्यक्ष डा.राजेंद्र समेत नियुक्त नौ प्राध्यापकों में से कोई भी मौजूद नहीं थे। प्रायोगिक परीक्षा में अत्याधिक भीड़ हो गई थी। तीन-चार घंटे तक इंतजार के बाद भी जब उनकी बारी नहीं आई तो कुछ छात्र हंगामा करने लगे। कई विद्यार्थी उनके समर्थन में उतर आए। स्थिति बिगड़ता देख वहां मौजूद डा.प्रभात ने प्राचार्य को मामले से अवगत कराया। प्राचार्य तुरंत वहां पहुंचे और विवि पुलिस विवि के अधिकारियों को सूचना दी। थानाध्यक्ष श्रीकांत सिन्हा पुलिस के जवानों ने छात्रों को समझाया। विवि से आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी ) डा.पंकज कुमार वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक परीक्षा में कालेज के एक भी शिक्षक का नहीं होना भारी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि कुलपति को इसकी जानकारी दी जाएगी। छात्रों ने उनसे शिकायत किया कि एक ही शिक्षक प्रायोगिक परीक्षा ले रहे थे। करीब सात से आठ सौ विद्यार्थियों की परीक्षा ली जानी थी। मंगलवार को 200 से अधिक छात्र-छात्राओं का प्रैक्टिकल होना था। - मुख्यालय से बाहर थे विभागाध्यक्ष : हंगामा के बाद जब कालेज से भौतिकी विभागाध्यक्ष डा.राजेंद्र प्रसाद से फोन पर संपर्क किया गया तो वे जिला मुख्यालय से बाहर थे, जबकि उन्होंने कालेज में इसकी सूचना नहीं दी थी। कई अन्य शिक्षक भी मुख्यालय में नहीं थे। छात्रों ने कहा कि हमेशा कहा जाता कि छात्र कालेज में नहीं आते जबकि हकीकत यह है कि शिक्षक व विभागाध्यक्ष कभी कालेज में ससमय नहीं पहुंचते हैं। छात्रों ने ओएसडी से उनपर कार्रवाई की मांग की।

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प्राचार्य बोले : पूछा गया स्पष्टीकरण, होगी कार्रवाई

भौतिकी की प्रायोगिक परीक्षा हो रही थी। इसमें दो बाह्य परीक्षकों की ड्यूटी थी। वहीं विभाग के शिक्षकों को भी इसमें रहना था। एक बाह्य परीक्षक ही मौके पर थे, जबकि कालेज के एक भी शिक्षक मौके पर मौजूद नहीं थे। हंगामा की सूचना पर स्वयं मौके पर पहुंच छात्रों को समझाया। छात्रों की शिकायत भी जायज है। विभागाध्यक्ष मुख्यालय में नहीं थे। उनसे और अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है।

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